Jun 22, 2024, 08:51 AM IST

किस अंग्रेज ने बनवाया था भारत का पहला मेडिकल कॉलेज?

Jaya Pandey

आज देश में 700 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज हैं जिसमें एमबीबीएस, एमडी और एमएस की पढ़ाई होती है. लेकिन क्या आप देश के पहले मेडिकल कॉलेज के बारे में जानते हैं? 

ईस्ट इंडिया कंपनी ने साल 1822 में  नेटिव मेडिकल इंस्टीट्यूशन (एनएमआई) की स्थापना की और 13 साल बाद इसे खत्म कर कलकत्ता मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई.

कंपनी के सैनिक लगातार बढ़ रहे थे और दूरदराज इलाकों में फैल रहे थे, ऐसे में उन्हें इलाज पाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था.

शुरुआत में कंपनी ने यूरोपीय लोगों को डॉक्टर नियुक्त किया लेकिन भारत में इतने यूरोपियन को नियुक्त करना कठिन था, तो भारत में मेडिकल कॉलेज बनाने की जरूरत महसूस हुई.

साल 1835 में गवर्नर जनरल विलियम बैन्टिक ने कलकत्ता मेडिकल कॉलेज का निर्माण कराया था. पहले ही साल यहां भारतीय स्टूडेंट्स ने ह्यूमन डाइसेक्शन किया.

कॉलेज के प्रिंसिपल माउंटफोर्ड जोसेफ ब्रैमली ने भारतीय स्टूडेंट्स को पहले इंसानी शरीर के रचना की सैद्धांतिक शिक्षा दी थी.

मधुसूदन गुप्ता के नेतृत्व में साल 1836 में देश में पहला ह्यूमन डाइसेक्शन हुआ. गुप्ता पहले NMI में आयुर्वेद के शिक्षक थे. 

भारतीय इतिहास में यह बहुत बड़ी बात थी क्योंकि सर्जरी की यह प्रैक्टिस पहली बार की गई थी, जो उस दौर में आयुर्वेद और यूनानी शिक्षा में नहीं होता था.

ब्रिटेन में भी इस बात की खूब वाहवाही हुई. कलकत्ता मेडिकल कॉलेज में आज भी मधुसूदन गुप्ता की तस्वीर लगी हुई है.