Nov 5, 2024, 09:37 AM IST

कैसे IIT पहुंचे आचार्य प्रशांत? खुद सुनाया किस्सा

Jaya Pandey

आचार्य प्रशांत एक आध्यात्मिक गुरु और मोटिवेशनल शिक्षक हैं और लोगों को अद्वैत शिक्षा को लेकर जागरूक करते हैं. इन्हें सिर्फ एक साधु कहना ठीक नहीं हैं क्योंकि आचार्य प्रशांत आईआईटी और आईआईएम से पढ़े हैं और उन्होंने यूपीएससी भी क्रैक की है.

आईआईटी के अपने सफर के बारे में आचार्य प्रशांत ने खुद एक इंटरव्यू में बताया था. उन्होंने बताया कि वह बचपन से ही यूपीएससी क्रैक करना चाहते थे और उनके माता-पिता की भी इच्छा थी कि वे एक सिविल सेवक बनें.

जब वह नौवीं में पहुंचे तो उन्हें पता चला कि यूपीएससी में सबसे ज्यादा सिलेक्शन तो आईआईटी वालों की होती है तो उन्होंने आईआईटी से पढ़ाई की ठानी. पढ़ाई में अच्छे थे तो बोर्ड टॉप किया और आईआईटी में सिलेक्शन भी हो गया.

वह बताते हैं कि आईआईटी वह इसलिए गए क्योंकि उन्हें लगा कि यहां से समाज सेवा का या प्रशासनिक सेवा का रास्ता खुलेगा. हालांकि उनके मुताबिक तैयारी के दौरान उन्हें यह पता चल गया कि यहां मामला वैसा नहीं है, जैसा दिखता है.

जब आईआईटी की पढ़ाई खत्म हुई तो नौकरी का एक्सपीरियंस लेने के लिए वह प्लेसमेंट में बैठे और उनकी कॉरपोरेट में जॉब भी लग गई. इसके बाद वह यूपीएससी की तैयारी करने लगे.

यूपीएससी के एग्जाम में बैठने पर उन्होंने यह कठिन परीक्षा भी पास कर ली लेकिन उन्हें प्रशासनिक सेवा अलॉट नहीं हुआ और इस पूरी प्रक्रिया के दौरान उनका सिविल सेवा से मोह भंग हो गया.

आखिरकार वह वेदांत शिक्षक बन गए और आज वह अपने शिष्यों को गीता के 17 रूप और उपनिषद के 60 रूप सिखाते हैं. इसके अलावा उन्होंने अद्वैत फाउंडेशन नाम की एक गैर-लाभकारी संगठन की स्थापना भी की है.