अजीत डोभाल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांचवें और वर्तमान नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर हैं.
इससे पहले वह साल 2004 से 2005 तक इंटेलिजेंसी ब्यूरो के निदेशक के पद पर काम कर चुके हैं. वह एक रिटार्यर्ड आईपीएस ऑफिसर हैं.
साल 1968 में अजीत डोभाल इंडियन पुलिस सर्विसेज में शामिल हुए थे और उन्होंने पंजाब और मिजोरम में उग्रवाद विरोधी अभियानों में सक्रिय रूप से भाग लिया.
अजीत डोभाल को भारत का जेम्स बॉन्ड भी कहा जाता है. वे MAC (मल्टी एजेंसी सर्कल) और JTFI (जॉइंट टास्क फोर्स ऑन इंटेलिजेंस) के संस्थापक अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
रिटायरमेंट के बाद 30 मई 2014 को अजीत डोभाल को भारत का पांचवां नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर नियुक्त किया गया था.
अक्टूबर 2018 में अजीत डोभाल को एसपीजी (स्ट्रैटेजिक पॉलिसी ग्रुप) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया.
3 जून 2019 को अजीत डोभाल को अगले 5 साल के लिए एनएसए के पद पर एक्सटेंशन दिया गया. उन्हें उनकी वीरता के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक और कीर्ति चक्र जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है.
अगर उनकी सैलरी की बात करें तो पीएसओ की वेबसाइट के मुताबिक एनएसए के पद पर अजीत डोभाल को पे लेवल 18 के तहत 2.5 लाख रुपये तक सैलरी मिलती है.