सिर्फ सैलरी ही नहीं, Agniveer को मिलती हैं ये सुविधाएं
Jaya Pandey
अग्निपथ स्कीम के तहत अग्निवीरों का चयन देश की तीनों सेनाओं आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में किया जाता है.
जो उम्मीदवार अग्निवीर बनते हैं, वे भारतीय सेना में 4 साल की अवधि तक अपनी सेवाएं देते हैं.
पहले साल में अग्निवीरों की मासिक सैलरी 30 हजार रुपये होती है, जिसमें से अग्निवीर कॉर्पस फंड यानी सेवा निधि पैकेज में योगदान के रूप में 9000 की कटौती की जाती है.
दूसरे साल अग्निवीरों की मासिक सैलरी 33 हजार रुपये होती है, जिसमें से अग्निवीर कॉर्पस फंड यानी सेवा निधि पैकेज में योगदान के रूप में 9900 की कटौती की जाती है.
तीसरे साल अग्निवीरों की मासिक सैलरी 36,500 रुपये होती है, जिसमें से अग्निवीर कॉर्पस फंड यानी सेवा निधि पैकेज में योगदान के रूप में 10950 की कटौती की जाती है.
चौथे साल अग्निवीरों की मासिक सैलरी 40 हजार रुपये होती है, जिसमें से अग्निवीर कॉर्पस फंड यानी सेवा निधि पैकेज में योगदान के रूप में 12000 की कटौती की जाती है.
अग्निवीरों की सैलरी का जितना हिस्सा सेवा निधि पैकेज के रूप में काटा जाता है, उतनी ही रकम सरकार भी देती है और सेवा पूरा होने के बाद उन्हें 10,04,000 रुपये सेवा निधि पैकेज के रूप में दिए जाते हैं.
इसके अलावा अग्निवीरों को रिस्क और हार्डशिप भत्ता, राशन, ड्रेस और यात्रा भत्ते भी मिलते हैं.
चार वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद इंडियन आर्मी की जरूरत के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को भारतीय सेना के नियमित कैडर के तौर पर इनरोल किया जाता है.
अग्निवीरों को उनकी नियुक्ति के साल में 48,00,000 रुपये का गैर-अंशदायी बीमा कवर भी दिया जाता है. हालांकि उन्हें पेंशन या ग्रेज्युटी नहीं दी जाती.
सेवा के 4 साल खत्म होने पर उन्हें सर्टिफिकेट भी दिया जाता है जिसमें उनकी योग्यता और स्किल्स के बारे में लिखा होता है.