Jul 28, 2024, 10:27 AM IST

कैंसर से जूझ रहे पिता की देखरेख कर लाईं 88 रैंक, जानें IAS बेटी की कहानी

Jaya Pandey

UPSC को परीक्षा को देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक माना जाता है. यह एग्जाम सिर्फ आपके ज्ञान ही नहीं बल्कि आपके धैर्य को भी पूरी तरह से परखता है.

आज हम आपको पंजाब के मोगा से ताल्लुक रखने वाली IAS अधिकारी रितिका जिंदल की सफलता की कहानी बताएंगे जिन्होंने सारी कठिनाईयों को पार कर अपनी मंजिल हासिल की.

आईएएस अधिकारी रितिका जिंदल ने अपनी स्कूलिंग पंजाब के मोगा से ही पूरी की है. वह नॉर्थ इंडिया में सीबीएसई से 12वीं टॉपर भी रह चुकी हैं. 

स्कूलिंग खत्म होने के बाद रितिका ने  दिल्ली के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएशन किया और 95 प्रतिशत मार्क्स से साथ पूरे कॉलेज में तीसरे स्थान पर रहीं.

रितिका बचपन से ही आईएएस बनना चाहती थीं और उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी भी शुरू कर दी थी.

ग्रेजुएशन खत्म होते ही उन्होंने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा दी और पहले प्रयास में उन्होंने प्री और मेंस क्लियर कर लिया, लेकिन फाइनल लिस्ट में कुछ नंबरों से चूक गईं.

साल 2018 में रितिका ने अपना दूसरा अटेंप्ट दिया और इस बार 22 साल की उम्र में वह यूपीएससी क्रैक कर 88वीं रैंक लाने में कामयाब रहीं.

हालांकि उनके लिए यूपीएससी की तैयारी करना आसान नहीं था. जब वह तैयारी कर रही थीं उन्हें अपने पिता के मुंह और फेफड़ों के कैंसर का पता लगा.लेकिन इन मुश्किल हालातों में भी उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी और आखिरकार सफल हुईं.

IAS रितिका जिंदल फिलहाल पांगी में रेजिडेंट कमिश्नर के पद पर कार्यरत हैं. पांगी को कभी इसकी खतरनाक सड़कों और दुर्गम गांवों के कारण हिमाचल प्रदेश का 'काला पानी' कहा जाता था.