Jul 23, 2024, 02:35 PM IST
मन-बुद्धि की Tonic हैं ये 5 किताबें, पढ़ डालें
Anurag Anveshi
किताब - विपश्यना में प्रेम (उपन्यास), उपन्यासकार - दयानंद पांडेय, प्रकाशक - वाणी प्रकाशन, मूल्य - 499
उपन्यास की भाषा और शैली कमाल की है. कथा विस्तार में अन्योक्ति नहीं है और शैली के स्तर पर सामासिक अभिव्यक्ति है.
किताब - बोलना ही है (समाजशास्त्र/राजनीति), लेखक - रवीश कुमार, प्रकाशक - राजकमल प्रकाशन, मूल्य - 269
इस किताब में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात की गई हैं. लेखक बताते हैं कि भारत में यह किस-किस रूप में बाधित हुई है.
किताब - आखिरी आवाज (उपन्यास), उपन्यासकार - रांगेय राघव, प्रकाशक- राजपाल प्रकाशन, मूल्य - 395
'आखिरी आवाज' हमारे समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार और घूसखोरी की कलई खोलती है. इस पुस्तक की भाषा जबर्दस्त आकर्षक है.
किताब - मां, मन और माटी (कविता संग्रह), कवि - सतीश कुमार, प्रकाशक- सेतु प्रकाशन, मूल्य - 213
किताब में लेखक ने उन भावों को कविताओं में पिरोया है जो हैं तो बहुत साधारण मगर जो हमारे जीवन में गहरी छाप छोड़ते हैं.
किताब - वीराना जिंदा होता है (गजल संग्रह), रचनाकार - सुरेंद्र चतुर्वेदी, प्रकाशक - अभिनव प्रकाशन, मूल्य - 120
इस किताब में कविता, शेर शायरी के जरिए उस अकेलेपन की बात की गई है, जिसका सामना लोग अक्सर अपने जीवन में करते हैं.
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