Sep 16, 2024, 11:37 AM IST

भारत के टॉप 6 Engineers जिनका लोहा मानती है दुनिया

Jaya Pandey

राष्ट्रीय इंजीनियर दिवस पर हम आपको देश के उन महान इंजीनियरों से मिलाने जा रहे हैं जिनकी उपलब्धियों का लोहा दुनिया ने माना.

वर्गीस कुरियन को श्वेत क्रांति का जनक कहा जाता है. उन्होंने डेयरी उद्योग में अहम योगदान दिया और भारत को दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादक देशों में से एक बनाया.

सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ने बाढ़ नियंत्रण प्रणाली में क्रांति ला दी थी. उनका प्रमुख योगदान ब्लॉक सिंचाई प्रणाली और स्वचालित ताले का आविष्कार है. उनके जन्मदिन पर ही राष्ट्रीय इंजीनियर दिवस मनाया जाता है.

कल्पना चावला अंतरिक्ष में जाने वाली भारत की पहली महिला थीं. उन्होंने अंतरिक्ष के लिए पहली उड़ान 1997 में भरी थी और साल 2003 में दूसरी उड़ान के दौरान स्पेसशिप में खराब आने की वजह से उनकी जान चली गई.

ई श्रीधरन को भारत का मेट्रो मैन कहा जाता है. दिल्ली और कोलकाता मेट्रो प्रोजेक्ट की डिजाइन के पीछे उनका ही हाथ था. भारत में पद्म श्री और पद्म विभूषण के अलावा फ्रांस से भी उन्हें मेडल ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया है.

विनोद धाम को पेंटियम माइक्रोप्रोसेसर चिप का जनक कहा जाता है. वह एसडी कार्ड के को-इन्वेंटर थे जिसे फ्लैश मेमोरी तकनीक कहा जाता है और इसका इस्तेमाल अब डिजिटल कैमरों और यूएसबी ड्राइव में बड़े पैमाने पर किया जाता है.

सतीश धवन के प्रयासों से इनसैट- एक दूरसंचार उपग्रह, आईआरएस- भारतीय रिमोट सेंसिंग उपग्रह और पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) जैसी परिचालन प्रणालियां बनीं. उन्होंने ग्रामीण शिक्षा, रिमोट सेंसिंग और उपग्रह संचार में कई रिसर्च किए.