अनिरुद्धाचार्य महाराज मध्य प्रदेश के जबलपुर से ताल्लुक रखते हैं. उनके माता-पिता का नाम राम नरेश तिवारी और छाया बाई है.
उनके पिता एक मंदिर में पुजारी थे और आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से वह उच्च शिक्षा हासिल नहीं कर पाए.
आज अनिरुद्धाचार्य देश के मशहूर कथावाचकों में से एक हैं और आए दिन उनके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं.
उन्होंने सिर्फ पांचवीं-छठी क्लास तक ही पढ़ाई की है और उसके बाद वह धार्मिक कर्मकांड की पढ़ाई के लिए वृंदावन चले गए.
अनिरुद्धाचार्य के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर जानकारी दी गई है कि बचपन से ही धार्मिक ग्रंथों और सेवा में दिलचस्पी के कारण वह वेद-पुराण और शास्त्रों का अध्ययन करने के लिए वृंदावन गए.
वृंदावन में उन्होंने संत गिरिराज शास्त्री महाराज से दीक्षा ली जो रामानुजाचार्य संप्रदाय से ताल्लुक रखते हैं.
अमेरिकन यूनिवर्सिटी यूएसए ने उन्हें ह्यूमेनिटी एंड स्पिरिचुअल एजुकेशन के लिए डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया है.
इसके अलावा उन्हें साउथ अफ्रीका की बैविक यूनिवर्सिटी ने भी डॉक्टोरेट यानी पीएचडी की उपाधि से सम्मानित किया है.