भारत में लोकतंत्र के दर्जे को बनाए रखने में चुनाव आयोग की अहम भूमिका होती है. चुनाव आयुक्त भारत के चुनाव आयोग का हिस्सा हैं.
चुनाव आयुक्तों पर संवैधानिक रूप से देश में पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव कराने का दायित्व होता है. भारत के चुनाव आयोग का प्रमुख मुख्य चुनाव आयुक्त होता है.
फिलहाल राजीव कुमार भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त हैं. वह सुशील चंद्रा का स्थान लेते हुए 25वें मुख्य चुनाव आयुक्त बने हैं.
भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य दो चुनाव आयुक्तों का वेतन और भत्ते भारत के सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के बराबर हैं.
भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य दो चुनाव आयुक्तों को चुनाव आयोग (चुनाव आयुक्तों की सेवा शर्तें और कामकाज) अधिनियम, 1991 की धारा 3 के अनुसार वेतन और भत्ते मिलते हैं.
भारत में फिलहाल चुनाव आयुक्तों की सैलरी 3,50,000 रुपये प्रति माह है. इसके अलावा उन्हें कई सुविधाएं और भत्ते भी दिए जाते हैं.
मुख्य चुनाव आयुक्त और दोनों चुनाव आयुक्तों को खुद, पति/पत्नी और परिवार के आश्रित सदस्यों के लिए साल में तीन बार छुट्टी यात्रा रियायतें मिलती हैं.
सीईसी और ईसी को 34000/- रुपये का मासिक व्यय भत्ता मिलता है जो पूरी तरह से कर मुक्त होता है.
मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त का कार्यकाल कार्यभार ग्रहण करने की तारीख से 6 साल या 65 वर्ष की आयु तक में जो भी पहले हो, होता है.