भारत में First Women Medical College किस अंग्रेज महिला ने बनवाया था?
Jaya Pandey
देश के पहले मेडिकल कॉलेज का नाम लेडी हॉर्डिंग मेडिकल कॉलेज है जिसकी स्थापना की कहानी बेहद दिलचस्प है.
जब 1911 में देश की राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली शिफ्ट करने का फैसला लिया गया तो उस समय के वायसराय बैरन चार्ल्स हार्डिंग अपनी पत्नी लेडी हार्डिंग के साथ दिल्ली आए.
उस समय महिलाएं पुरुषों के साथ पढ़ने से कतराती थीं तो ऐसे में महिलाओं के लिए एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जरूरत महसूस हुई.
17 मार्च 1914 को लेडी हॉर्डिंग ने एक मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखी और क्वीन मैरी की यात्रा की याद में इसका नाम मैरी कॉलेज एंड हॉस्पिटल रखा गया.
वह इस कॉलेज के लिए धन इकट्ठा करने के लिए रियासतों और जनता से सक्रिय रूप से जुड़ी रहीं लेकिन दुर्भाग्य से उसी साल जुलाई 1914 को उनकी मृत्यु हो गई.
इस कॉलेज की औपचारिक शुरुआत 17 फरवरी 1916 को तत्कालीन वायसराय लॉर्ड हॉर्डिंग ने की थी और क्वीन मैरी के सुझाव पर इसका नाम बदलकर लेडी हॉर्डिंग के नाम पर रखा गया.
इस मेडिकल कॉलेज की पहली प्रिंसिपल डॉ. केट प्लैट थीं. शुरुआत में यहां कोर्स 7 साल का था लेकिन बाद में इसकी अवधि घटाकर 5 साल कर दिया गया.
पहले यह कॉलेज पंजाब यूनिवर्सिटी से संबंद्ध था और स्टूडेंट्स को अंतिम साल का एग्जाम देने के लिए लाहौर के किंग एडवर्ड मेडिकल कॉलेज में जाना पड़ता था.
स्टूडेंट्स की इस दिक्कत को दूर करने के लिए साल 1950 में इस मेडिकल कॉलेज को दिल्ली यूनिवर्सिटी से संबंद्ध कर दिया गया.