May 12, 2024, 12:24 PM IST

UPSC क्रैक करके भी सिविल सेवा में क्यों नहीं गए Vikas Divyakirti?

Jaya Pandey

यूपीएससी की सिविल सेवा की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए विकास दिव्यकीर्ति जाना-माना नाम हैं. वे दृष्टि आईएएस नाम का एक कोचिंग इंस्टीट्यूट चलाते हैं और उन्होंने कई युवाओं को आईएएस, आईपीएस बनने में मदद भी की है.

कोचिंग में बच्चों को पढ़ाने के अलावा उनके वीडियोज़ सोशल मीडिया पर भी वायरल होते रहते हैं. वह सामान्य लोगों के बीच भी अपने दर्शन और ज्ञान की वजह से काफी लोकप्रिय हैं.

विकास दिव्यकीर्ति ने भी यूपीएससी की सिविल सेवा की परीक्षा दी थी और पहले ही प्रयास में सफल भी हुए थे. उन्हें 384 रैंक हासिल हुई थी. 

उन्होंने सेंट्रल सेक्रेटेरियल सर्विस जॉइन भी की.उन्हें राजभाषा विभाग में डेस्क ऑफिसर का पद मिला था लेकिन 4-5 महीने में ही उन्होंने यह नौकरी छोड़ दी.

इसके बाद उन्होंने शिवाजी कॉलेज में टीचर की जॉब के लिए अप्लाई किया लेकिन सरकार की ओर से रिलीविंग लेटर नहीं मिलने की वजह से उनका सिलेक्शन नहीं हुआ.

इस दौरान कुछ स्टूडेंट्स ने उनसे पढ़ाने की गुजारिश की और वह स्टूडेंट्स को हिंदी साहित्य की कोचिंग देने लगे और इस तरह से उनके मन में दृष्टि आईएएस कोचिंग इंस्टीट्यूट खोलने का ख्याल आया.

विकास दिव्यकीर्ति के मुताबिक उन्होंने आसपास के लोगों को देखकर आईएएस की तैयारी शुरू की थी, उस समय उन्हें यह तक पता नहीं था कि आईएएस आखिर होता क्या है.

विकास दिव्यकीर्ति ने सिविल सेवा इसलिए छोड़ी क्योंकि वह कुछ ऐसा करना चाहते थे जिसका समाज पर गहरा असर पड़े.

वे अधिक से अधिक युवाओं को सिविल सेवा के लिए तैयार करना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने 1999 में दृष्टि आईएएस इंस्टीट्यूट की शुरुआत की.