पाकिस्तान की10 बेहतरीन फिल्में, हर भारतीय के लिए हैं मस्ट वॉच
Utkarsha Srivastava
पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री की मास्टर-पीस कही जाने वाली फिल्म 'बोल' महिलाओं के आधिकारों और संघर्षों की बात करती है. माहिरा खान और आतिफ असलम स्टारर ये फिल्म एक परिवार की कहानी और लव स्टोरी के जरिए रूढ़िवादी समाज की पोल खोलती है.
पाकिस्तान की फिल्म 'दुख्तर' एक नाबालिग लड़की की कहानी है, जिसका बाल विवाह होने वाला है लेकिन उसकी मां उसे बचाने के लिए जी-जान लगा देती है.
'जॉयलैंड' एक लड़के की कहानी है, जो अपने परिवार से छुपाकर इरॉटिक डांसर का काम करता है और इस दौरान उसे एक ट्रांसजेंडर महिला से प्यार हो जाता है.
'खुदा के लिए' में दो लड़कों की कहानी के जरिए दिखाया गया है कि 26/11 के हमले के बाद जिहाद की विकृत धारणा की वजह से पाकिस्तान में किस तरह उधर-पुथल मच गई थी. इस फिल्म में नसीरुद्दीन शाह ने कैमियो किया था.
'जवानी फिर नहीं आनी' एक लाइट हार्टेड फिल्म है, जिसमें दोस्ती की कहानी के जरिए एक बड़ा मैसेज दिया गया है.
'केक' ऐसी पाकिस्तानी फिल्म है जो आपको पेरेंट्स के साथ देखनी चाहिए. इस फिल्म में दिखाया गया है कि युवाओं को बूढ़े होते मां-बाप के साथ वक्त बिताना कितना जरूरी है.
'हो जहां मन' तीन दोस्तों की कहानी है, जिनकी स्टोरी दोस्ती से शुरू होकर प्यार तक पहुंचती है. ये फिल्म उलझे हुए रिश्तों की कहानी सुनाती है.
फवाद खान और माहिरा खान जैसे स्टार्स से सजी फिल्म 'द लेजेंड ऑफ मौला जट्ट' एक पीरियड ड्रामा फिल्म है. ये फिल्म एक ऐसे जांबाज की कहानी है जो क्रूर कबीले के सरदार के खिलाफ जंग लड़ता है.
'लाल कबूतर' एक महिला की कहानी है, जिसके पति की हत्या कर दी जाती है और वो अपने पति की हत्या का बदला लेने के मिशन पर निकल पड़ती है.
'जिंदगी तमाशा' एक ऐसे मामूली शख्स की कहानी है, जो अपने दोस्त की शादी में डांस करने की वजह से जिंदगी की सबसे बड़ी मुश्किल में फंस जाता है और उसकी जिंदगी तमाशा बन कर रह जाती है.