महाभारत में कर्ण की मौत के वक्त पत्नी ने कही थीं ये 3 बड़ी बातें
Utkarsha Srivastava
टीवी शो 'सूर्यपुत्र कर्ण' में महाभारत के दानवीर के बारे में कई दिलचस्प बातें शेयर की गई हैं. जिसमें से सबसे दर्दनाक एपिसोड है उनकी मौत का.
युद्ध के दौरान अर्जुन ने दिव्यास्त्र से कर्ण पर वार किया था. घायल हालत में जब कर्ण अपनी आखिरी सांसे गिन रहे थे तो युद्ध भूमि पर उनकी पत्नी वृषाली भी आ गई थीं.
कर्ण ने अपनी पत्नी को देखकर दर्द से करहाते हुए उनसे माफी मांगी और कहा कि 'मुझे माफ कर देना, मैंने तुम्हारा साथ देने का वादा किया था लेकिन अब मैं जीवन की अंतिम यात्रा पर निकल रहा हूं लेकिन तुम्हें सारथी नहीं बना पाऊंगा'.
ये सुनकर पत्नी वृषाली रो पड़ती हैं लेकिन कर्ण उनसे कहते हैं कि 'मुझे रोते हुए विदा मत करना'. इसके बाद रुषाली अपने पति से 3 अहम बातें कहती हैं.
टीवी सीरीज 'सूर्यपुत्र कर्ण' की मानें तो रुषाली ने कर्ण से कहा- 'नहीं रोएगी वृषाली और तुम्हारे सारथी के रूप में सदा तुम्हारे साथ रहेगी'.
वृषाली के द्वारा कही गई दूसरी अहम बात थी- 'तुम एक शरीर नहीं हो कर्ण, एक सोच हो और एक सोच कभी नहीं मरती'.
तीसरी अहम बात करते हुए वृषाली ने कर्ण को एक वचन दिया था और कहा था कि 'मैं वचन देती हूं कर्ण, अंतिम क्षण तक तुम्हारे स्वप्न को अपनी आंखों में जीवित रखूंगी'.