Jul 3, 2023, 11:24 AM IST

यूरिक एसिड को गलाकर बाहर कर देंगी ये 5 जड़ी बूटियां, बिना दवा खत्म होगा दर्द

Nitin Sharma

यूरिक एसिड एक ऐसा अपिष्ट पदार्थ है जो प्यूरीन के टूटने से शरीर में पैदा होता है. अनहेल्दी प्यूरीन युक्त चीजों को खाने से इसका लेवल हाई हो जाता है. 

यह जोड़ों में दर्द और सूजन को बढ़ा देता है. लगातार हाई लेवल बने रहने की वजह से गाउट, गठिया और किडनी में प्यूरीन की पथरी तक जम जाती है.

आयुर्वेद में सबसे असरदार जड़ी बूटियों में शामिल त्रिफला का चूर्ण तीन जड़ी बूटियों से मिलकर बना है. इसे बनाने के लिए भीभीतकी, आंवला और हरीतकी का इस्तेमाल किया जाता है. त्रिफला यूरिक एसिड का एक बड़ा उपचार है.

पेड़ पौधों की बात करें तो नीम को औषधीय पौधे की उपाधि दी गई है. नीम में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं. इसकी पत्तियों को चबाने से लेकर पानी में डालकर नहाने से ही दर्द, सूजन और गाउट की  समस्या में आराम मिलता है.

सब्जी से लेकर खाने की लगभग कई चीजों हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है. ठीक इसी तरह आयुर्वेद में ज्यादातर दवाईयों में हल्दी अहम रोल निभाती है. हल्दी में मौजूद औषधीय गुण गठिया को कम कर देते हैं. यह सूजन और दर्द को कम करने के लिए प्रभावित हिस्से में हल्दी का पेस्ट लगाया जा सकता है.

अदरक भी बेहद फायदेमंद है. अदरक उन हर्बल दवाओं में से एक हैं, जो शरीर में गाउट और गठिया की समस्या में आराम पहुंचाती है. यह यूरिक एसिड के लेवल को कम करने में भी असरदार है. इसे चाय के साथ कच्चा खाना भी बेहद लाभदायक है. 

गिलोय बहुत  गुणकारी औषधीयों में से एक है. इसका इस्तेमाल बुखार से लेकर दूसरी कई गंभीर बीमारियों को खत्म करने में किया जाता है. गिलोय का जूस या पानी पीने से ही यूरिक एसिड फ्लश आउट हो जाता है. इसके पाउडर का सेवन भी कर सकते हैं