Jun 5, 2023, 01:43 PM IST

ये 5 चीजें हड्डियों को घिसकर भुरभुरा बना देंगी, पूरे शरीर में घुल जाएगा यूरिक एसिड का जहर 

Ritu Singh

उच्च सोडियम वाली चीजें शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ाकर हड्डियों को घिसना शुरू कर देती हैं. नमक यानी सोडियम और क्लोराइड से मिलकर बना होता है. किडनी अतिरिक्त क्लोराइड को हटाती है लेकिन ज्यादा होने पर ये छान नहीं पाती गंदा पानी और यूरिक एसिड शरीर में जमकर क्रिस्टल बनता है और हड्डियों को घिसने लगता है.

यूरिक एसिड और ऑस्टियोपोरोसिस के लिए रेड मीट भी जिम्मेदार होता है. रेड मीट विशेष रूप से संतृप्त वसा और ओमेगा -6 पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड में उच्च होता है. इस प्रकार के वसा से यूरिए एसिड हाई होती है और ऑस्टियोपोरोटिक फ्रैक्चर का खतरा बढ़ता है.

अतिरिक्त चीनी भी यूरिक एसिड को बढ़ाती है और हड्डियों को घिसती है.सोडा, स्नैक आइटम, और फलों के रस, ऊर्जा पेय और मीठे चाय और कॉफी जैसे शक्कर पेयया मिठाई आदि हड्डियों को गलाती हैं.

ऑक्सलेट युक्त खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाले यौगिक कैल्शियम को बांधते हैं लेकिन ये खराब अस्थि खनिज घनत्व का कारण होते हैं.कुछ सबसे अधिक ऑक्सालेट युक्त खाद्य पदार्थ पत्तेदार साग और फलियां जैसे बीन्स, मटर और दाल हैं. हालांकि, ये खाद्य पदार्थ भी बहुत स्वस्थ हैं लेकिन यूरिक एसिड में नहीं.

कैफीन कॉफी बीन्स, चॉकलेट और  चाय भी यूरिक एसिड को बढ़ाता है. अधिक कैफीन हड्डियों के चयापचय में को नुकसान पहुंचाता है और हड्डियों से कैल्शियम को हटाता है.

गेहूं के चोकर जैसे अनाज उत्पादों में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला सल्फर आपके शरीर की समग्र अम्लता को बढ़ा सकता है. जब पीएच संतुलन बंद हो जाता है, तो यह हड्डियों के नुकसान को ट्रिगर करता है.गेहूं का चोकर फाइटेट्स में उच्च होता है और ऑक्सालेट्स के समान होता है. इसका मतलब यह नहीं है कि गेहूं का चोकर आपको हर समय नहीं खाना चाहिए.

ऑक्सालेट्स और फाइटेट्स को अक्सर "एंटी-न्यूट्रिएंट्स" कहा जाता है क्योंकि वे शरीर में कैल्शियम जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के अवशोषण को कम करते हैं.अंकुरित अनाज, मेवे और फलियां भी पोषक तत्वों की मात्रा को कम करती हैं