Oct 2, 2023, 11:29 AM IST

इन 5 पत्तियों को चबाते ही बाहर हो जाएगा प्यूरीन 

Nitin Sharma

यूरिक एसिड खानपान से निकलने वाला एक वेस्ट है. यह प्यूरीन के रूप में शरीर के अंदर जन्म लेता है. इसकी अधिकता होने पर यह टूटकर यूरिक एसिड बन जाता है.

यूरिक एसिड का नॉर्मल लेवल सही है, लेकिन इसका हाई लेवल हड्डियों में गैप पैदा कर जोड़ों में दर्द, सूजन, गाउट और किडनी में पथरी जैसी समस्या बना देता है.

ऐसी स्थिति से जूझ रहे लोगों को हाई प्रोटीन से लेकर प्यूरीन युक्त पदार्थों का कम से कम सेवन करने की नसीहत दी जाती है.

यूरिक एसिड को सिर्फ दवाओं से ही नहीं आयुर्वेद में शामिल पेड़ पौधों की कुछ पत्तियों से भी कंट्रोल किया जा सकता है. यह पत्तियां आसानी से यूरिक एसिड को कंट्रोल कर प्यूरीन को पेशाब के रास्ते फ्लश आउट कर देती हैं.

अगर आप हाई यूरिक एसिड से परेशान हैं तो सब्जी में इस्तेमाल होने वाले धनिया की छोटी छोटी पत्तियों का सेवन आपकी इस समस्या को खत्म कर सकता है. धनिया की पत्तियों को नियमित रूप से पीसकर इसे पानी में मिक्स करके पी लें. सुबह खाली पेट इन पत्तियों का सेवन करने से हाई यूरिक एसिड भी कंट्रोल हो जाता है. ये पत्तियों किडनी के फिल्टर पावर को बढ़ाकर प्यूरीन को फ्लशआउट करने में मदद करती हैं.

करी पत्ते कई सारी औषधीय गुणों भरपूर पौधो में से एक है. इसकी पत्तियों का सेवन करने से डायबिटीज से लेकर कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं खत्म हो जाती है. यूरिक ​एसिड को कंट्रोल करने में भी करी पत्ता किसी दवा से कम नहीं है. हाई यूरिक एसिड के मरीज हर दिन एक गिलास पानी में 10 से 15 पत्तियों को डालकर करीब 1 घंटे के लिए छोड़ दें. इसके बाद पानी का सेवन कर लें. हर दिन सुबह खाली पेट इसका पानी पीने या फिर पत्तियों को चबाने से ही यूरिक एसिड कंट्रोल हो जाएगा.

पान के पत्तों का सही प्रयोग यूरिक एसिड को आसानी से कंट्रोल कर सकता है. इसके पत्तों का अर्क ब्लड से यूरिक एसिड के क्रिस्टल्स को बाहर निकाल देता है. हर दिन सुबह उठते ही एक पान के पत्ते को चबाने से ही खून में शामिल यूरिक एसिड का हाई लेवल कंट्रोल हो जाता है. इसे जोड़ों में होने वाले दर्द और सूजन से भी आराम मिलता है.

मेथी की पत्तियों को चबाने से यूरिक एसिड को कंट्रोल किया जा सकता है. इसकी पत्तियां बॉडी को डिटॉक्स करती हैं. मेथी की पत्तियों में मिलने वाले पोषक तत्व मेटाबॉलिज्म को तेज कर देते हैं. इसे प्यूरीन को आसानी से पचा लिया जाता है. सुबह उठते ही इसकी पत्तियों का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है. हालांकि मेथी को सब्जी से लेकर पराठे ओर रोटी में शामिल करके भी खाया जा सकता है.

हिंदू धर्म में तुलसी देवी का स्वरूप माना जाता है. ज्यादातर घरों में इस पौधे की पूजा की जाती है. वहीं आयुर्वेद में इसे औषधीय गुणों से भरपूर होने की वजह से सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है. तुलसी के पत्तों ​का नियमित रूप से सेवन करने पर कई बीमारियों का नाश होता है. हाई यूरिक एसिड का लेवल हाई होने पर भी सुबह उठते ही तुलसी के पत्तों को चबा लें. इसे यूरिक एसिड आसानी से कंट्रोल हो जाता है. दर्द में आराम मिलता है. इसे मस्तिष्क का विकास भी बेहतर होता है