Sep 23, 2023, 05:01 PM IST

स्पर्म काउंट डाउन करते हैं ये 5 फूड्स, बना देते हैं नपुंसक

Nitin Sharma

कुछ लोगों को लो स्पर्म काउंट की वजह से नपुंसकता का सामना करना पड़ता है. इसकी मुख्य वजह खराब खानपान और कुछ ऐसे फूड्स का ज्यादा सेवन करना है, जो सीधे रूप से स्पर्म काउंट को इफेक्ट करते हैं.

इन फूड्स के नियमित सेवन से नपुंसकता बढ़ती जाती है, जिसके चलते पिता बनना तो दूर पति पत्नी के रिश्तों में भी घटास आ जाती है.

व्यक्ति को लो कॉन्फिडेंस और शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है. इसकी मुख्य वजह हमारा खानपान है.

अगर आप भी अनजाने या गलती से इन फूड्स का खूब सेवन कर रहे हैं तो आज ही इन्हें बंद कर दें. इसकी वजह फूड्स द्वारा स्पर्म काउट को घटाना है.

वैसे तो सोया प्रोडक्ट्स को न्यूट्रीशनल माना जाता है. इन्हें ताकत का सोर्स और प्रोटीन रिच फूड्स में शामिल किया जाता है, लेकिन इसका ज्यादा सेवन आपको नपुंसकता की ओर ले जा सकता है. इसकी वजह से सोया में एस्ट्रोजेनिक आइसोफ्लेवोन्स का पाया जाना है. इससे एक्स्ट्रोजेन का लेवल हाई हो जाता है. साथ ही टेस्टोस्टेरोन का लेवल लगातार डाउन होने लगता है. इसकी वजह से स्पर्म क्वालिटी बहुत ज्यादा प्रभावित होती है.

सोडा से भरपूर ड्रिंक्स पीने का ट्रेंड खूब चल रहा है. इसे न पीने की सलाह भी दी जाती है, लेकिन फिर भी लोग पेट में गैस से लेकर स्वाद के लिए सोंडा ड्रिंक्स का खूब सेवन करते हैं, लेकिन यह ड्रिंक्स न सिर्फ आपके स्वास्थ्य को खराब करती हैं. इनका ज्यादा सेवन स्पर्म काउंट को कम कर देता है. इसे स्पर्म की मोटिलीटी भी कम हो जाती है. इसे स्पर्म के डीएनए को नुकसान पहुंचता है.

कैन्ड फूड्स डिब्बे और टिन में बंद फूड्स में बिस्फेनॉल पदार्थ पाया जाता है. इसका सेवन स्पर्म पावर और काउंट दोनों को नुकसान पहुंचाता है. इसे टेस्टोस्टेरोन लेवल प्रभावित होती है. इसे बचने के लिए डिब्बा बंद जूस, फल से लेकर खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए. इनसे ज्यादा से ज्यादा दूर रहना ही बेहतर है.

फ्राइड फूड्स को पचाना थोड़ा मुश्किल होता है. इसका सीधा असर स्पर्म काउंट्स पर पड़ता है. यह रिलेशशिप में दरार भी ला सकता है. वहीं फैटी फूड्स में एस्ट्रोजन होता है, जो हेल्दी स्पर्म को कम कर देते हैं. इनका सेवन कम करना ही बेहतर है. 

कॉफी में अच्छी खासी मात्रा में कैफीन पाया जाता है. स्टडी की मानें तो यह स्वास्थ्य से भी ज्यादा फर्टिलिटी पर असर डालता है. महिला और पुरुष दोनों कही फर्टिलिटी को कैफीन प्रभावित करता है. इसकी वजह से स्पर्म काउंट कम होने के साथ ही गर्भपात का खतरा कहीं ज्यादा बढ़ जाता है.