Jan 24, 2024, 07:49 PM IST
सेहत के लिए बहुत बड़ा खतरा है ट्राइग्लिसराइड्स, इसे घरेलू नुस्खे से ऐसे करें कंट्रोल
Anurag Anveshi
रक्त में मौजूद फैट का एक प्रकार है ट्राइग्लिसराइड्स. इसके बढ़ने से हार्ट से जुड़े रोग होने का जोखिम अधिक होता है.
हार्ट रोग का जोखिम
खाने की कैलोरी को ट्राइग्लिसराइड्स में चेंज करता है शरीर और ऊर्जा उपयोग के लिए फैट कोशिकाओं में स्टोर करता है.
ट्राइग्लिसराइड्स स्टोर
अधिक ट्राइग्लिसराइड्स होने से हृदय रोग का खतरा बढ़ता है. इसकी नॉर्मल रेंज 150mg/dL से कम होनी चाहिए.
नॉर्मल रेंज
ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर शराब के सेवन, मोटापा, शुगर से बढ़ सकता है. पर आदतें बदल कर इसे कंट्रोल किया जा सकता है.
आदतों में बदलाव
ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त आहार से हार्ट हेल्थ बेहतर होता है. सैल्मन, मैकेरल आदि मछलियां इसका मुख्य सोर्स होती हैं.
मांसाहारियों के लिए
वेजीटेरियनों के लिए दही, सोया, अखरोट, अलसी के बीज, एवोकाडो, ब्रोकली ओमेगा 3 फैटी एसिड के सोर्स हो सकते हैं.
शाकाहारियों के लिए
लहसुन में अपने औषधीय गुण के कारण लिपिड-कम कर सकता है. इससे ट्राइग्लिसराइड का स्तर कंट्रोल होता है.
लहसुन का कमाल
ट्राइग्लिसराइड कम करने में फाइबर युक्त आहार मदद करता है. जौ, फलियां, फल, जई, पत्तेदार सब्जियां डाइट में ऐड करें.
फाइबर युक्त आहार
ऐपल साइडर विनेगर ट्राइग्लिसराइड्स को कम करता है. एक गिलास पानी में एक से दो चम्मच सेब का सिरका मिलाकर पिएं.
सेब का सिरका
ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं. यह ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने में सहायक हो सकती है. इसका सेवन करें.
ग्रीन टी के फायदे
लाइफस्टाइल में योग और एक्सरसाइज को शामिल करें. इससे मोटापे को दूर कर कई बीमारियों को कंट्रोल कर सकते हैं.
योग- एक्सरसाइज
ये घरेलू नुस्खे जानकारी बढ़ाने के लिए हैं. इन पर अमल करने से पहले विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.
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