इन 5 बीमारियों की दवा है, पत्थरों में मिलने वाला ये पौधा
Nitin Sharma
आज भी आयुर्वेद में कई ऐसे पौधे और जड़ी बूटियां मौजूद हैं, जिनके सेवन करने से कई गंभीर बीमारियां खत्म हो जाती है. साथ ही कई बीमारियों का खतरा कम हो जाता है.
इन्हीं औषधीय पौधों में पत्थरचट्टा भी शामिल है. यह छोटा सा पौधा पत्थरों के बीच में उगता है. इस पौधे की पत्तियों के सेवन मात्र से कई गंभीर बीमारियों का खतरा टल जाता है.
सिर दर्द से परेशान लोगों के लिए पत्थरचट्टे का पौधा किसी औषधी से कम नहीं है. इसके सेवन मात्र से ही सिर दर्द से लेकर माइग्रेन के दर्द में आराम मिल जाता है. इसकी पत्तियों को पीसकर माथे पर लेप करने से दर्द में आराम होता है. इसका नियमित इस्तेमाल माइग्रेन जैसी समस्या की छुट्टी कर देता है.
अगर आपको कहीं चोट लग गई है. शरीर पर बढ़ा घाव हो गया है या फिर किसी चोट का निशान रह गया है तो पत्थरचट्टे का सेवन शुरू कर दें. यह चोट को तेजी से भरने के साथ ही चोट से पड़ने वाले निशानों को जड़ से गायब कर देगा. इसके लिए पत्थरचट्टा के पत्तियों को गर्म कर लें. इन्हें अपने हाथों से अच्छे से मसलकर घाव पर इसका लेप करें. इस उपाय को करने से घाव जल्दी भरता है.
वेजाइनल डिसचार्ज की वजह से कई बार महिलाओं को इंफेक्शन की समस्या बढ़ जाती है. ऐसे में इस इंफेक्शन से राहत पाने के लिए पत्थरचट्टा की मदद ली जा सकती है.पत्थर चट्टा से बना काढ़ा योनि स्नाव कम करने में मदद कर सकता है. यह काढ़ा बनाना भी बेहद आसान है. इसके लिए पत्थर चट्टा के पत्तों में 2 ग्राम शहर मिलाकर हर दिन एक से दो बार सेवन करें.
आज के समय में बुजुर्ग ही नहीं, युवा भी हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्या से परेशान हैं. उनका बीपी आई रहता है. इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. ऐसी स्थित से बचने के लिए पत्थरचट्टा की पत्तियों का सेवन कर सकते हैं. इससे सभी समस्याएं दूर हो जाएगी. यह ब्लड सर्कुलेशन को भी सही रखता है.
किडनी से लेकर पेशाब संबंधी विकारों को दूर करने के लिए आयुर्वेद में पत्थरचट्टे का इस्तेमाल किया जाता है. इसका काढ़ा बनाकर पीने पेशाब में जलन, रुक रुक कर पेशाब आने की समस्या दूर हो जाती है. यह बवासीर में भी बेहद लाभदायक है.