Jan 25, 2024, 06:34 PM IST

सत्यानाशी का रस कर देगा इन 8 बीमारियों का नाश

Anurag Anveshi

आयुर्वेद में सत्यानाशी को जादुई पौधा कहा गया है. डॉ. अर्चना सिन्हा कहती हैं, 'यह कई रोगों के इलाज का रामबाण है.'

 

डॉक्टर की राय

श्वास रोग (दमा) या खांसी हो तो सत्यानाशी का पीले दूध की 4-5 बूंदें बतासे में मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है.

 

दमा और खांसी

सत्यानाशी की जड़ का आधा से 1 ग्राम चूर्ण गर्म पानी या दूध के साथ सुबह-शाम पीने से कफ बाहर निकल जाता है.

 

कफ

खुजली, अंगूठी जैसा दाना या फटी त्वचा दाद के लक्षण हैं. प्रभावित जगह पर सत्यानाशी का रस लगाने से लाभ होता है.

 

दाद

पेशाब नली में जलन हो तो सत्यानाशी के 20 ग्राम पंचांग 200 मिली पानी में भिगाकर काढ़ा बनाएं. इससे लाभ होगा.

 

मूत्रविकार

10 मिली गिलोय के रस में सत्यानाशी तेल की 8-10 बूंदें मिला कर सुबह-शाम पीने से पीलिया रोग समाप्त हो जाता है.

 

पीलिया

सत्यानाशी के 3 से 5 मिलीलीटर पीले दूध को 10 ग्राम घी के साथ रोगी को पिलाने से पेट का दर्द मिट जाता है.

 

पेट दर्द

सत्यानाशी के दूध की 1 बूंद मे 3 बूंद घी में मिलाकर काजल की तरह इस्तेमाल करें आंखों का सूखापन अंधापन दूर होता है.

 

आंखों के रोग

ये बातें सिर्फ आपकी जानकारी बढ़ाने के लिए हैं. इन पर अमल करने से पहले विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श जरूर लें.

 

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