Nov 13, 2024, 11:33 PM IST

जहर से बचाते हैं यहां जान, कैंसर का करते हैं इलाज

Kuldeep Panwar

भले ही अब हर बीमारी का इलाज मेडिकल साइंस में है, लेकिन अलग-अलग इलाकों में देशी इलाज करने के तरीके आज भी पॉपुलर हैं.

ऐसा ही एक तरीका 'जहर' देकर इलाज करने का भी है, जिससे कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी तक के जड़ से खात्मे का दावा किया जाता है.

आप कहेंगे कि इसमें क्या खास है? कीमो थेरेपी में भी जहर के जरिये कैंसर सेल्स मारे जाते हैं, लेकिन हम जो तरीका बता रहे हैं, वो पूरी तरह देशी है.

कैंसर समेत बांझपन, अल्जाइमर जैसी बीमारियां ठीक करने के दावे वाले इस देशी इलाज को कंबो ट्रीटमेंट कहते हैं, जो कई देशों में पॉपुलर है.

कंबो ट्रीटमेंट अमूमन अमेजन नदी के आसपास के देशों में इस्तेमाल होता है. ब्राजील-पेरू में इसे vaccine of the forest कहा जाता है.

इसमें कंबो मेंढक के जहर से शरीर की बीमारी खत्म करते हैं. कंबो मेंढक (Kambo Frog) अमेजन के जंगलों में मिलने वाला मंकी फ्रॉग है.

ट्रीटमेंट से पहले मरीज को 1 लीटर पानी या कसावा सूप पिलाते हैं. फिर उसके कंधे, हाथ या गले के पास गर्म रॉड से जलाकर जख्म बनाते हैं.

जले हुए जख्म में मेंढक का जहर भर दिया जाता है, जो खून के जरिये पूरे शरीर में फैल जाता है. इससे मरीज की हालत पागल जैसी हो जाती है.

मरीज उल्टी-दस्त करता है और उसे पेशाब आने, चक्कर आने से लेकर पेट में तेज दर्द और हाई ब्लड प्रेशर जैसी तमाम शिकायत होने लगती हैं.

मरीज की खराब हालत 5 से 30 मिनट तक रहती है. इस दौरान शरीर ठंडा रखने के लिए दर्द से बेहाल मरीज को नदी में लेटा दिया जाता है. 

दावा है कि जहर शरीर में फैलकर बीमारी को खत्म कर देता है. फिर जहर बाहर निकालने के लिए मरीज को पानी या चाय पिलाई जाती है.

कंबो ट्रीटमेंट को बहुत सारे देशों ने प्रतिबंधित किया है, लेकिन अमेरिका जैसे देश तक में इसका चलन आज भी देशी परंपरा के तौर पर जारी है.

अमेरिका में हजारों लोग कंबो ट्रीटमेंट के जरिये अपना इलाज करा रहे हैं. इनमें बहुत सारे अमीर  भी शामिल हैं, जो गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं.

कंबो ट्रीटमेंट बेहद खराब भी है. इसमें मौत की संभावना बहुत ज्यादा होती है. साल 2019 में यूएस, 2018 में इटली व 2009 में चिली में ऐसा हो चुका है.

कंबो ट्रीटमेंट के समर्थक भले ही बहुत सारे देशों में मौजूद हैं, लेकिन सच में यह कितना कारगर है, इसे लेकर आज तक कोई शोध नहीं हुआ है.