कौन हैं सरस्वती देवी, जो राम मंदिर के लिए 30 वर्ष से हैं मौन व्रत
Kavita Mishra
अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के पूरे देश में उत्साह है. भगवान राम का ये भव्य मंदिर अपने साथ ना जाने कितने ही भक्तों का सपना पूरा कर रहा है.
आज हम आपको एक ऐसी ही भक्त के बारे में बातएंगे, जिन्होंने 30 सालों से मौन व्रत धारण कर रखा है. उन्होंने प्रण लिया था कि जब राम मंदिर बनेगा, तभी वह अपना मौन व्रत तोड़ेंगी.
हम बात कर रहे हैं, झारखण्ड के धनबाद के करमाटंड की रहने वाली 72 साल की वृद्धा सरस्वती देवी की.
उन्होंने पिछले 30 सालों से भी अधिक समय से राम मंदिर निर्माण के लिए मौन व्रत धारण कर रखा है.
पिछले सालों में उनके परिवार में कई बड़े समारोह हुए लेकिन सरस्वती देवी अपने परिजनों से सिर्फ और सिर्फ इशारों में ही बात करती रहीं. बताया जा रहा है कि सरस्वती देवी रामजन्म भूमि के अध्यक्ष नित्य गोपाल दास के पास अक्सर जाया करती थीं.
उन्होंने राम मंदिर को लेकर लिखा कि मेरा जीवन धन्य हो गया. रामलला ने मुझे प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए बुलाया है. मेरी तपस्या, साधना सफल हुई. 30 साल के बाद मेरा मौन ‘राम नाम’ के साथ टूटेगा.
रिपोर्ट्स के अनुसार, छह दिसंबर 1992 को स्वामी नृत्य गोपाल दास से मिलीं. उनकी प्रेरणा से मौन व्रत धारण किया.
इसके साथ उन्होंने संकल्प लिया कि जिस दिन राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होगी, उसी दिन मौन तोड़ेंगी.
सरस्वती देवी राम चरित मानस व अन्य धार्मिक ग्रंथ रोज पढ़ती हैं. दिन में एक बार सात्विक भोजन ग्रहण करती हैं.