Apr 23, 2024, 05:28 PM IST

केजरीवाल के लिए क्यों जरूरी है इंसुलिन, उन्हें कौनसी टाइप का है डायबिटीज?

Rahish Khan

शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद अरविंद केजरीवाल को इंसुलिन (Insulin) दी गई है.

केजरीवाल का शुगर लेवल 320 तक पहुंच गया था. AIIMS के डॉक्टरों ने सलाह दी कि उन्हें इंसुलिन दी जाए.

केजरीवाल ने तिहाड़ जेल सुपरिटेंडेंट को चिट्ठी लिखकर बताया था कि उनका फास्टिंग शुगर 160-200 mg/dl तक जा रही है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री को टाइप-2 का डायबिटीज है. हालांकि यह एक आम बीमारी है. लेकिन उनका शुगर लेवल बहुत हाई पहुंच गया.

टाइप 2 डायबिटीज में इंसान के शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बन पाता है. इसलिए ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए दवाई या इंसुलिन की जरूरत पड़ती है.  

इंसुलिन इंजेक्शन कई टाइप के होते हैं. इनमें एक इंजेक्शन 30 मिनट बाद असर दिखाता है और शरीर में 6 घंटे तक इंसुलिन की कमी पूरा करता है. 

हालाकि, शुगर के हर मरीज को इंसुलिन की जरूरत नहीं होती है. डाक्टरों की मानें तो 250 से ऊपर जिन मरीजों का ब्लड सुगर बढ़ जाता है, उन्हें देनी पड़ती है. 

Blood Sugar की मात्रा नियंत्रित करने के अलावा इंसुलिन शरीर में फैट को सहेजने का काम भी करता है.