Mar 29, 2024, 05:01 PM IST
मुगलों के पास शिक्षा का अभाव था. मुगल साम्राज्य में कोई भी विश्वविद्यालय नहीं थे.
मुगलों को शिक्षा दरबार के अंदर प्रशासन, वित्त, युद्ध और धर्म के विशेषज्ञों से प्राप्त होती थी.
बाबर एक प्रतिभाशाली कवि और योद्धा था. उन्होंने अपनी आत्मकथा, तुजुक-ए-बाबुरी लिखी, जिसे बाबरनामा या बाबर की यादें भी कहा जाता है.
हुमायूं एक विद्वान शासक था और उन्हें अपने पुस्तकालयों में समय बिताना पसंद था. अंत समय में पुस्तकालय से गिरने की वजह से ही उनकी मौत हुई थी.
अकबर अनपढ़ था. उसने अपने पराक्रम से इतना बड़ा साम्राज्य खड़ा किया था. अकबरनामा में लिखा हुआ है कि अनपढ़ होने के बावजूद अकबर ज्ञान और साहित्य को बहुत महत्व देता था.
अकबर के बड़े बेटे होने के नाते, जाहांगीर को शिक्षा प्राप्त करने के लिए फतेहपुर सीकरी भेजा गया. जाहांगीर को अरबी, तुर्की, फ़ारसी, हिंदी, भूगोल, इतिहास और अंकगणित सब सिखाया जाता था.
शाहजहां को मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिया गया था. इसके साथ उन्हें कला और संगीत का भी अच्छा ज्ञान था.
औरंगजेब को रोजाना 500 रुपये मिलते थे जिसका उपयोग उन्होंने ज्यादातर अपनी स्कूली शिक्षा के लिए किया. उन्होंने अरबी और फारसी में शिक्षा प्राप्त की थी.
शाहजहां अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहते थे. उनके बड़े बेटे दारा को उपनिषद पढ़ना पसंद था. कई शिक्षकों ने उन्हें इसकी शिक्षा दी.
बहादुर शाह जफर को गजलें लिखना पसंद था और वह एक बेहतरीन शायर भी थे. अंग्रेजों को डर था कि उनकी कविता अशांति फैला सकती है, इसलिए उन्हें कलम और कागज का उपयोग नहीं करने दिया जाता था. वह जेल की कोठरी में कोयले से गजलें लिखते थे.