Mar 4, 2024, 01:51 PM IST
बनारस के इन घाटों को देख दूर से ही घबराते थे मुगल राजा
Smita Mugdha
मुगल सल्तनत के दौर में भी बनारस ऐसा शहर था जिस पर मुगल राजा हुकूमत नहीं कर सके.
वाराणसी में मुगल अपनी हुकूमत ज्यादा दिन तक नहीं चला सके और 18वीं सदी की शुरुआत में ही यह मराठाओं के अधीन हो गया था.
वाराणसी के सभी घाटों का पुनर्निर्माण 1700 ईस्वी के बाद मराठा साम्राज्य का हिस्सा रहने के दौरान ही किया गया था.
वाराणसी के प्रमुख घाटों का काया-कल्प मराठा राजघराने भोंसले, गायकवाड़, सिंधिया ने किया था.
इन राजघरानों ने कई नए घाटों का भी निर्माण कराया था. सिंधिया घाट आज भी बनारस के प्रमुख घाटों में से एक है.
बनारस के बारे में मान्यता है कि यह विश्व का सबसे पुराना शहर है और इसे खुद शिवजी ने बसाया था.
मराठा राज्य में जब बनारस को विकसित किया गया, उसके बाद मुगलों ने कभी इस की ओर आंख उठाकर भी नहीं देखा.
बाद में बनारस ब्रिटिश राज के अधीन हो गया, लेकिन शहर की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत बची रही.
आज भी हिंदू धर्म मानने वाले श्रद्धालुओं के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के पर्यटकों के लिए आकर्षण की जगह है.
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