May 13, 2024, 09:54 PM IST

जानिए इस बार चांद पर कहां उतरेगा Chandrayaan

Kuldeep Panwar

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO ने 23 अगस्त, 2023 को वो कारनामा किया था, जो इतिहास के पन्नों में हमेशा सुनहरे शब्दों में याद किया जाएगा.

इसरो के वैज्ञानिकों ने Chandrayaan-3 के विक्रम लैंडर को चांद के दक्षिणी हिस्से में लैंड कराया था, जहां आज तक कोई देश नहीं उतरा है.

चंद्रयान-3 के इस लैंडिंग पॉइंट को 'Shiv Shakti Point' नाम दिया गया था, जिसे हमेशा भारत की काबिलियत का प्रतीक माना जाएगा.

अब इसरो के वैज्ञानिक Chandrayaan 4 को चांद पर उतारने की तैयारी में जुटे हैं, जिसका टारगेट चांद से चट्टानें और मिट्टी धरती पर लाना है.

इसरो स्पेस एप्लिकेशंस सेंटर SAC के डायरेक्टर नीलेश देसाई के मुताबिक, चंद्रयान-4 मिशन पिछले मिशन के मुकाबले बहुत ज्यादा जटिल है.

चंद्रयान-4 को भी शिव शक्ति पॉइंट के पास ही लैंड कराने की तैयारी है, जहां बर्फ के रूप में पानी होने के संकेत वैज्ञानिकों को मिल चुके हैं.

चंद्रयान-3 की ही तरह चंद्रयान-4 भी हमेशा अंधेरे में रहने वाले दक्षिणी ध्रुवीय इलाके में चांद के एक दिन (धरती के 14 दिन) तक काम करेगा.

चांद पर हर 14 दिन बाद रात हो जाती है, जिसमें तापमान कई सौ डिग्री माइनस में चला जाता है, जो किसी भी उपकरण के लिए खतरनाक है.

इसरो चंद्रयान-4 में कई लॉन्च व स्पेसक्राफ्ट मॉडल का इस्तेमाल करेगा. मिशन पेलोड्स के लिए LVM-3 व PSLV रॉकेट अलग-अलग भेजे जाएंगे.

देसाई के मुताबिक, चंद्रयान-4 के जरिये चंद्रमा की सतह के सैंपल्स कलेक्ट करके धरती पर लाना है ताकि उन्हें लैब में स्टडी किया जा सके.

चांद की सतह से सैंपल लाने में अब तक अमेरिका, रूस और चीन ही सफल हुए हैं. भारत ऐसा कर पाया तो दुनिया का चौथा देश बन जाएगा.

हालांकि यूएस, रूस व चीन भी चांद की दक्षिणी सतह का सैंपल नहीं जुटा पाए हैं यानी भारत ऐसा कर पाया तो दुनिया का पहला देश बना जाएगा.