कितनी है Chandrayaan 3 बनाने वाले वैज्ञानिकों की सैलरी
Kuldeep Panwar
Chandrayan 3 अभियान ने पूरी दुनिया में भारतीय वैज्ञानिकों का नाम टॉप पर पहुंचा दिया है. इसके बाद आदित्य L-1 सोलर मिशन भी सफल बना चुकी भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO अब गगनयान मिशन की तैयारी में जुटी है.
क्या आप जानते हैं कि पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन करने वाले ISRO के वैज्ञानिकों को कितना वेतन दिया जाता है? यदि नहीं जानते हैं तो चलिए हम आपको बताते हैं.
ISRO के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों का वेतन 84,360 रुपये महीना होता है. इसके अलावा भी उन्हें कई तरह के अन्य भत्ते और बोनस मिलते हैं, जो 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक होते हैं.
7वें वेतन आयोग में इसरो स्टाफ के लिए ग्रेड-पे सिस्टम को खत्म कर दिया गया है. वेतन आयोग ने इसके बजाय पे-लेवल सिस्टम को इसरो के स्टाफ का वेतन तय करने के लिए लागू कर रखा है.
नए Pay Level सिस्टम में इसरो के हर कर्मचारी का वेतन उनकी जिम्मेदारियों और कामकाज में यूनिक रोल के लिहाज से तय किया गया है यानी वैज्ञानिक का वेतन अलग और इंजीनियर का वेतन अलग हो सकता है.
इसरो में वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को मिलने वाले नए पेमेंट स्ट्रक्चर में 56,100 रुपये की बेसिक सेलरी तय की गई है, जो एक खास सैलरी लेवल से जोड़ी गई है.
बेसिक सैलरी के साथ डीए व अन्य भत्ते जोड़कर इसरो के साइंटिस्ट इंजीनियर की शुरुआती सैलरी 84,360 रुपये बैठती है यानी कोई भी वैज्ञानिक इसरो में इस वेतन के साथ ही शुरुआत करता है.
इसरो साइंटिस्ट को मिलने वाले इस शुरुआती वेतन में बेसिक सैलरी के अलावा ट्रैवल बैनेफिट्स, एचआरए और महंगाई भत्ते जैसे कई प्रकार के बैनेफिट भी शामिल होते हैं.
इसरो वैज्ञानिक के शुरुआती ग्रॉस-पेमेंट 84,360 रुपये में से यदि उनके बैंक खाते में आने वाले वेतन यानी नेट-इन-हैंड सैलरी की बात करें तो यह करीब 72,360 रुपये होता है.
यह किसी भी इसरो वैज्ञानिक को मिलने वाला शुरुआती वेतन है. इसके बाद उनकी सैलरी प्रमोशन और जिम्मेदारियों के लिहाज से बढ़ती चली जाती है.