Aug 21, 2024, 05:22 PM IST
कोठे की जिंदगी छोड़ पूजा-पाठ करने लगी थी ये तवायफ
Rahish Khan
20वीं सदी तक देश के कई हिस्सों में तवायफों की महफिल सजती थी. उनकी गायिकी और नाजोअदा लोगों के दिलों को लूट लेती थीं.
उस दौर में पटना की मशहूर तवायफ तन्नो बाई की लव स्टोरी खूब चर्चा में रहती थी. उसे वैष्णव मंदिर के पुजारी से प्यार हो गया था.
पटना के चौक स्थित कचौड़ी गली में एक छोटा सा वैष्णव मंदिर था, जिसके पुजारी धरीक्षण तिवारी हुआ करते थे.
धरीक्षण तिवारी को अमीर और शक्तिशाली लोग पूजापाठ करने अपने घर बुलाते थे.
एक दिन पंडित धरीक्षण तिवारी एक अमीर आदमी की कार्यक्रम में शामिल होने के दीवान मोहल्ले में गए थे.
वहां तवायफ तन्नो बाई को गाते देख तिवारी मंत्रमुग्ध हो गए. उसकी आवाज और खूबसूरती में ऐसा जादू था कि पुजारी दिल दे बैठा.
धरीक्षण तिवारी इस तरह फिदा हुए कि तन्नो बाई जहां गाने जाती वह वहां पहुंच जाते. दोनों के बीच प्यार परवान चढ़ने लगा.
फिर अचानक पुजारी गायब हो गए. तन्नो को जब कई दिन तक नजर नहीं आए तो उन्होंने किसी से पूछा पुजारी कहां हैं.
तभी किसी ने बताया कि तिवारी जी का पिछली पूर्णिमा को निधन हो गया. यह सुनकर तन्नो को सदमा लग गया.
वह कई दिनों तक सदमे में रहीं. फिर कोठे की जिंदगी छोड़कर सारा समय पूजा पाठ लग गईं और 50 साल उम्र में उनका निधन हो गया.
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