Mar 6, 2024, 09:22 PM IST

इस क्रूर शासक ने शुरू की थी दिल्ली में राजाओं के पैर चूमने की परंपरा 

Smita Mugdha

दिल्ली सल्तनत के शासक इल्तुतमिश का गुलाम बलबन छल-कपट से खुद ही दिल्ली सल्तनत का सुल्तान बन गया. 

दिल्ली की सत्ता संभालने के बाद उसने दरबार के लिए एक से बढ़कर एक सख्त नियम बनाए थे. 

बलबन ने दरबार में खास तौर-तरीके बनाए थे जो पुराने ईरानी शासकों की प्रथाओं से मिलते-जुलते थे.

उसने सुल्तान को सबसे ताकतवर दिखाने के लिए दरबार में कई तरह के सख्त नियम-कानून बनाए थे. 

दरबार में आने वालों को घुटनों पर बैठकर और सिर झुकाकर सुल्तान के कदम चूमने की प्रथा शुरू की थी. 

सुल्तान या राजा के कदम चूमने की इस परंपरा को कदमबोशी या पैबोस कहा जाता था.

बलबन ने अपनी बेटी की राजकाज चलाने की कुशलता और बुद्धिमानी देख उसे ही अपना उत्तराधिकारी चुना था. 

रजिया सुल्तान अपने दौर के दकियानूसी सोच से बहुत आगे थीं और पर्दा प्रथा का पालन नहीं करती थीं.

बलबन ने शासक बनने से पहले 20 साल तक बतौर वजीर भी काम किया था. वह इतिहास में अपनी क्रूरता के लिए जाना जाता है.