कौन है वह मुस्लिम अधिकारी जिसकी वजह से रामलला को मिली उनकी जन्मभूमि
Abhishek Shukla
केके मोहम्मद, उन लोगों में शामिल हैं, जिनकी वजह से रामलला अपने जन्मभूमि में विराजमान हुए हैं.
वह सदियों पुराने मंदिरों को ढूंढ-ढूंढकर निकालते हैं.
भारतीय पुरातत्विक सर्वेक्षण आर्केयोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के तत्कालीन महानिदेशक बीबी लाल ने पहली बार राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद की विवादित भूमि का पुरातात्विक सर्वेक्षण किया था.
उनकी टीम में केके मुहम्मद भी शामिल थे.
उन्होंने पहली बार कहा था कि बाबरी में प्राचीन मंदिरों के अवशेष मिले थे.
केके मोहम्मद ने ही कहा था कि विवादित स्थल पर लंबी दीवारें हैं, गुंबदनुमा ढांचा है, जो इस्लामिक नहीं है. मस्जिद में मूर्ति हो ही नहीं सकती.
केके मोहम्मद केरल के कालीकट में पैदा हुए थे.
वह देश के सबसे बड़े पुरातत्वविदों में से एक हैं.
उन्होंने ही कहा था कि बाबरी मस्जिद के सारे खंभे मंदिर के थे.
मुहम्मद ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से इतिहास में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की थी.
उन्होंने 'स्कूल ऑफ़ आर्केयोलॉजी' में पढ़ाई की. अयोध्या में रामलला की जन्मभूमि साबित करने की कानूनी लड़ाई में भी उनका हाथ है.