अर्जुन की वजह से द्रौपदी को हुआ था जीवन का सबसे बड़ा नुकसान
DNA WEB DESK
द्रौपदी भले ही पांचों पांडवों की पत्नी थीं लेकिन अपने सभी पतियों में से वह अर्जुन के सबसे करीब थी और उनसे ही सबसे ज्यादा प्रेम करती थी.
अर्जुन और द्रौपदी के प्रेम के बारे में बाकी पांडव भी जानते थे और खुद श्रीकृष्ण ने भी इसकी पुष्टि की थी.
अर्जुन से सबसे ज्यादा प्रेम ही द्रौपदी के स्वर्ग जाने के रास्ते में सबसे बड़ा बाधा बना था और पांचों पांडवों के साथ स्वर्ग पहुंचने के मार्ग में वह सबसे पहले गिर गई थीं.
दरअसल जब स्वर्ग के रास्ते में द्रौपदी ने सबसे पहले शरीर त्याग दिया था तो बाकी भाइयों ने धर्मराज युधिष्ठिर ने इसकी वजह पूछी थी.
तब धर्मराज युधिष्ठिर ने कहा कि द्रौपदी ने पत्नी धर्म का पूरा निर्वाह किया लेकिन पाचों में से सबसे ज्यादा प्रेम वह अर्जुन से ही करती थीं.
अर्जुन के लिए यही अत्यधिक प्रेम उनका दोष है क्योंकि धर्म के आधार पर उन्हें अपने सभी पतियों से बराबर प्रम करना चाहिए था.
स्वर्ग में जब पांडवों और कौरवों के कर्मों का लेखा-जोखा तैयार हो रहा था तब भी द्रौपदी ने यह स्वीकार किया था कि वह अर्जुन से ज्यादा प्रेम करती थीं.
द्रौपदी ने अपने कर्मों पर जवाब देते हुए कहा था कि युधिष्ठिर उनके लिए पूज्य थे, भीम का विशेष स्थान था और नकुल सहदेव से सखा भाव था लेकिन प्रेम अर्जुन से करती थीं.
अर्जुन ने भी यह स्वीकार किया था कि उन्होंने अपनी सभी पत्नियों को प्यार किया लेकिन द्रौपदी के लिए उनके मन में अलग स्थान था.