Aug 6, 2024, 04:03 PM IST
पहले से आखिरी मुजरे तक, हर तवायफ की जिंदगी में आते थे ये 3 पड़ाव
Smita Mugdha
भारत में तवायफों की एक समृद्ध परंपरा रही है और उन्होंने संगीत और कला के क्षेत्र में अहम योगदान दिया है.
तवायफों की जिंदगी के कई अहम पड़ाव होते थे और क्या आप जानते हैं कि हर तवायफ की जिंदगी में 3 अहम पड़ाव थे.
तवायफों की जिंदगी का सबसे अहम पड़ाव उनका पहला मुजरा होता था जहां से कला और अदब की दुनिया में दाखिल होती थीं.
इसी तरह से उनका आखिरी मुजरा भी बेहद खास होता था जिसके लिए महीनों तैयारी की जाती थी.
इसके अलावा, तीसरा अहम पड़ाव तब होता था जब उनका सबसे बड़ा मुजरा आयोजित किया जाता था.
जब किसी तवायफ की प्रसिद्धि चरम पर होती थी तो वह अपना सबसे खास और भव्य मुजरे का आयोजन करती थीं.
इसे महफिल का नाम दिया जाता था और इसमें शामिल होने के लिए दूर-दराज से कद्रदान पहुंचते थे.
आम तौर पर जीवन के सबसे बड़े मुजरे की प्रस्तुति देने से पहले तवायफें महीनों तक घंटों अभ्यास करती थीं.
बाद में तवायफों ने रिकॉर्डिंग की दुनिया में भी प्रवेश किया और कुछ तवायफों ने फिल्मी दुनिया में नाम कमाया था.
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