Sep 27, 2023, 03:45 PM IST

पाकिस्तान के कब्जे में हैं ये 10 मंदिर

Kuldeep Panwar

Katasraj Tample पाकिस्तानी पंजाब के चकवाल जिले में मौजूद है. भगवान शिव को समर्पित कटासराज मंदिर परिसर का निर्माण महाभारत काल के दौरान होने का अनुमान लगाया जाता है.

Hinglaj Mata Mandir बलूचिस्तान के हिंगोल नेशनल पार्क में मौजूद है. हिंगलाज माता मंदिर के बारे में मान्यता है कि जब महादेव माता सती का शव लेकर घूम रहे थे तो विष्णु के सुदर्शन चक्र से उसके टुकड़े होने पर यहां उनका शीश गिरा था.

sharda Mata Mandir हिंदुओं के लिए सबसे ज्यादा पवित्र तीर्थों में से एक है, जो पाकिस्तानी कब्जे वाले गुलाम कश्मीर में नीलम दरिया के पार पहाड़ी पर मौजूद है. सम्राट ललितादित्य द्वारा निर्मित मंदिर देखरेख के बिना लगभग नष्ट हो चुका है.

Shri Varun Dev Mandir कराची के पास तटीय शहर मनोरा में है. यह पाकिस्तान के सबसे पुराने धर्म स्थलों में से एक है, जिसमें समुद्र के राजा वरुण देव की पूजा की जाती है.

Sadhu Bela Tample सिंध के सुक्कुर जिले में मौजूद है. साधु बेला मंदिर सिंधु नदी के बीच में एक टापू पर बना हुआ है. यहां भी भगवान शिव की आराधना की जाती है.

Kalka Cave Temple में मां काली की पूजा होती है. यह मंदिर खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत में मौजूद है. पहाड़ों के बीच एक प्राकृतिक गुफा में मौजूद यह मंदिर दीवारों पर प्राचीन पेंटिंग्स के लिए मशहूर है.

Shiv Mandir Umerkot सिंध के उमरकोट शहर में मौजूद है. भगवान शिव के इस मंदिर का निर्माण उमरकोट पर राजपूत राजाओं के शासन के दौरान हुआ था. इसका निर्माण सोढा राजपूत वंश ने कराया था.

Panchmukhi Hanuman Mandir कराची के सोल्जर बाजार के बीच में मौजूद है. ब्रिटिश शासन में बने पंचमुखी हनुमान मंदिर के नाम से ही अंदाजा लग जाता है कि यहां हनुमान जी के पंचमुखी स्वरूप की पूजा होती है.

Kali Mata Mandir Kalat बलूचिस्तान के कलात जिले में मौजूद है. काली माता का यह मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर बना हुआ है, जहां से चारों तरफ का दृश्य बेहद मनोरम दिखाई देता है.

Jagannath Temple कराची के सदर इलाके में मौजूद है. भगवान जगन्नाथ महाप्रभु के इस मंदिर का निर्माण 19वीं शताब्दी के दौरान हिंदू समुदाय ने कराया था.