Oct 27, 2024, 12:13 PM IST

भारत में कैसे हुई Pin code की शुरुआत

Anamika Mishra

भारत में हर शहर और छोटे-छोटे गांवों का भी पिन कोड होता है.

पिन कोड किसी भी पते के पहचान को अलग बनाता है. शॉपिंग से लेकर बैंकिंग  के काम के लिए पिन कोड का इस्तेमाल होता है.

पोस्टल इंडेक्स नंबर यानी की पिन कोड का इस्तेमाल भारतीय पोस्ट द्वारा पत्र वितरित करने के लिए किया जाता है.

भारत में फिलहाल 6 अंकों का पिन कोड इस्तेमाल किया जाता है. आइए जानते हैं इसकी शुरुआत कैसे हुई. 

भारत में पिन कोड की शुरुआत डाक को आसानी से पहुंचाने के लिए किया गया था. इसे 15 अगस्त, 1972 को तैयार किया गया था. 

पिन कोड का ज्यादा विकास न होने के कारण डाक को समय पर पहुंचने में काफी टाइम लगता था.

डाक को जल्दी और सही समय पर पते पर पहुंचाने के लिए इंडिया पोस्ट ने पिन कोड का इस्तेमाल शुरू किया.

पिनकोड के पहले दो अंक डाक क्षेत्र को दर्शाते हैं, उसके बाद अगले दो अंक डाक सर्कल को और आखिरी के दो डाकघर के बारे में बताते हैं. 

वर्तमान समय में कुरियर से लेकर बैंकिंग तक सभी चीजों को सही पते पर पहुंचाने के लिए पिन कोड अहम भूमिका निभाता है.