Dec 9, 2023, 04:33 PM IST

इन 10 कारणों से छिन सकती है संसद सदस्यता

Kuldeep Panwar

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता उन्हें Cash For Query Case में दोषी मानते हुए छीन ली गई है. इससे संसद सदस्यता से जुड़े नियम फिर से चर्चा में हैं.

संसद सदस्यता कई कारणों से छिन सकती है. हम आपको वे 10 कारण बताने जा रहे हैं, जिनके चलते इंदिरा गांधी से लेकर राहुल गांधी तक की संसद सदस्यता रद्द हो चुकी है.

1. दोहरी सदस्यता होने पर

कोई भी सांसद एक ही समय में दोनों सदन यानी लोकसभा और राज्यसभा या फिर संसद और विधानसभा का सदस्य नहीं हो सकता है. ऐसा होने पर उसे एक सदन से इस्तीफा देना पड़ता है.

2. लाभ का पद लेने पर

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 102 के तहत संसद सदस्य व अनुच्छेद 191 के तहत विधानसभा सदस्य लाभ यानी वेतन-भत्ते आदि वाला पद नहीं ले सकते. ऐसा होने पर वह अयोग्य घोषित हो जाता है.

3. बिना बताए गायब रहने पर

संसद सदस्य को सदन से अनुपस्थित रहने के लिए वाजिब कारण के साथ सूचना देनी होती है. संविधान के अनुच्छेद 101 के मुताबिक, बिना बताए 60 दिन तक गैरहाजिर रहने पर सदस्यता रद्द हो सकती है. 

4. दल बदलने पर

अनुच्छेद 102 के मुताबिक, 10वीं अनुसूची यानी दल-बदल रोधी कानून के तहत सांसद के दूसरी पार्टी में जाने पर सदस्यता रद्द हो जाएगी. हालांकि दो तिहाई सांसद ऐसा करें तो यह लागू नहीं होगा.

5. मानसिक बीमार घोषित होने पर

यदि किसी सांसद को मानसिक रूप से बीमार घोषित किया जाए या दिवालिया घोषित किया जाए तो उसकी सदस्यता रद्द हो जाती है. हालांकि किसी कोर्ट द्वारा यह घोषणा करने पर ही ये लागू होगा.

6. पार्टी व्हिप के खिलाफ जाने पर

10वीं अनुसूची के मुताबिक, हर सांसद को अपनी पार्टी के व्हिप (आदेश) का सम्मान करना होगा. यदि कोई इसका पालन ना करे या वोटिंग से गायब हो तो उसकी सदस्यता रद्द हो सकती है. 

7. देश की नागरिकता छोड़ने पर

संविधान के अनुच्छेद 102 के तहत यदि कोई सांसद या विधायक यदि भारतीय नागरिकता छोड़ या किसी दूसरी देश की नागरिकता ग्रहण कर ले तो उसकी सदस्यता रद्द हो जाएगी.

8. जेल की सजा मिलने पर

लोक प्रतिनिधित्व कानून के तहत यदि किसी सांसद को किसी मामले में दो साल या उससे अधिक समय तक जेल में रहने की सजा मिलती है तो भी उसकी सदस्यता रद्द हो सकती है. 

9. संसद आचार संहिता तोड़ने पर

संसदीय आचार संहिता के खिलाफ सांसद के आचरण पर एथिक्स कमेटियों की सिफारिश पर संसद सदस्यता रद्द की जा सकती है. महुआ मोइत्रा केस में यही हुआ है.

10. लोक प्रतिनिधित्व कानून से

लोक प्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों को तोड़ने पर या चुनावी एफिडेविट में झूठी जानकारी देने पर संसद सदस्यता को रद्द किया जा सकता है. इंदिरा गांधी की संसद सदस्यता भी इसी कारण गई थी.