Oct 27, 2023, 04:29 PM IST
महाभारत के प्रमुख पात्रों में से कर्ण भी एक है, जब कौरवों और पांडवों में युद्ध शुरू हुआ तो 10 दिन बाद कर्ण युद्ध में शामिल हुए.
जब तक भीष्म कौरवों के सेनापति रहे, कर्ण ने कौरवों को ओर से युद्ध नहीं किया. भीष्म के घायल होने पर ही कर्ण युद्ध भूमि में आए.
कर्ण पांडवों की माता कुंती और सूर्य का पुत्र था, कुंती ने अपनी शादी से पहले कर्ण को जन्म दिया था. उसे लोकलाज के डर से एक बक्से में रखकर पानी में छोड़ दिया था.
वो बक्सा एक रथ के सारथी को मिला और उसी ने कर्ण का पालन-पोषण किया. सुतपुत्र होने के चलते कर्ण को कई बार अपमान सहना पड़ा.
कर्ण की वीरता से श्री कृष्ण और पितामह भीष्म भी प्रभावित थे. ये दोनों ही कर्ण की प्रशंसा करते थे.
कर्ण ने पांडवों का वध का वध इसलिए नहीं किया क्योंकि माता कुंती को वचन दिया था कि आपके पांच पुत्र जरूर जीवित रहेंगे.