सेना की सुरक्षा में
सेंध, हनी ट्रैप का शिकार हो रहे जवान, क्यों नहीं रुक रहा सिलसिला
Abhishek Shukla
ISI और दुश्मनों के खुफिया हनी ट्रैप में जवानों के फंसने की बात नई नहीं है.
पहले भी सेना के जवान गिरफ्तार हो चुके हैं.
हनी ट्रैप में जवानों को फंसाकर खुफिया जानकारी की साजिश दुश्मन करते रहे हैं.
यूपी एटीएस ने सितंबर 2023 में शैलेंद्र कुमार चौहान को गिरफ्तार किया था, जो सेना में श्रमिक रह चुका है. वह हरलीन कौर के झांसे में आया था.
ATS ने साल 2018 में BSF के एक जवान को गिरफ्तार किया था. वह गोपनीय जानकारियां ISI को दे रहा था.
उसे एक महिला ने अपने जाल में फंसाया था.
साल 2019 में यूपी एटीएस ने दो जवानों को गिरफ्तार किया था, जो ISI को गोपनीय जानकारियां दे रहे थे.
हनी ट्रैप में फंसकर, पैसों की लाल और डर की वजह से भी लोग हनी ट्रैप का शिकार होते हैं.
सेना और खुफिया विभागों को फंसाने के लिए ISI हनी ट्रैप की साजिश रचती है.
क्यों नहीं रुक रही हैं ऐसी घटनाएं?
सोशल मीडिया के जरिए जवान हनी ट्रैप में सबसे ज्यादा फंसते हैं. सोशल मीडिया अकाउंट्स की क्लोज मॉनिटरिंग की जरूरत है. कुछ जवान सोशल मीडिया के जाल में फंसकर ऐसी गलतियां कर बैठते हैं. इससे बचने में इंडियन इंटेलिजेंस सक्षम है.