Mar 30, 2024, 04:13 PM IST

असम के इस योद्धा के सामने भाग खड़े हुए थे मुगल

Aditya Prakash

लाचित बोरफुकन अहोम साम्राज्य के एक बहादुर आर्मी कमांडर थे. वही अहोम साम्राज्‍य, जो साल 1228 से 1826 तक पूरे शान के साथ वजूद में बना रहा.

लचित बोरफुकन ने कई बार मुगल सेना के साथ युद्ध करके उन्हें बुरी तरह से हराया, और उन्हें असम से वापस भागने पर मजबूर किया.

लचित बोरफुकन ने मुगल सेना को हराकर सबसे पहले गुवाहाटी को मुक्त कराया, फिर सराईघाट में भी उन्हें हराया.

साल 1671 में हुए सरायघाट के युद्ध में लाचित की बहादुरी और उनके नेतृत्व ने मुगलों को हार मानने के लिए विवश कर दिया था. इस युद्ध में अहोम सेना ने मुगल सेना को बड़ी शिकस्त दी थी.

सरायघाट के युद्ध के बाद मुगल फिर कभी असम पर दोबारा कब्‍जा नहीं कर पाए. इस युद्ध में मुगल सेना के पास ज्यादा ताकतवर हथियार थे, फिर भी वो हारे. 

लाचित बोरफुकन का जन्म एक ताई-अहोम पुजारी के घर हुआ था. वो अपने माता-पिता की चौथी संतान थे.

गुवाहाटी के राजा चक्रध्वज ने मुगल सेना के खिलाफ जंग में अहोम सेना को लीड करने के लिए लाचित बोरफुकन का चयन किया था.