Nov 23, 2023, 10:04 PM IST

अब बायोलॉजी नहीं पढ़ने वाले भी बन सकेंगे डॉक्टर

Kuldeep Panwar

इलाज करने वाला डॉक्टर बनने के लिए अब तक कक्षा-12 में बायोलॉजी की पढ़ाई करना बेहद जरूरी होता था, लेकिन अब मैथ्स से इंटर पास करने वाले स्टूडेंट भी डॉक्टर बन सकते हैं.

नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने MBBS या BDS में एडमिशन लेने के लिए ऐसे लोगों को भी छूट दे दी है, जिन्होंने कक्षा-12 फिजिक्स, कैमिस्ट्री और मैथ्स के कॉम्बिनेशन से पास की है.

NMC के नए नियम के हिसाब से ऐसे स्टूडेंट्स किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से इंटरमीडिएट में एक एडिशनल सब्जेक्ट के तौर पर बायोलॉजी या बायोटेक्नोलॉजी की परीक्षा पास करनी होगी.

नए नियम में कहा गया है कि अब ऐसे स्टूडेंट्स को भी NEET-UG एग्जाम देने की अनुमति होगी, जिन्होंने एडिशनल सब्जेक्ट के तौर पर बायोलॉजी की पढ़ाई की है. अभी तक यह छूट नहीं थी.

बता दें कि NEET-UG एग्जाम के जरिये ही देश भर के मेडिकल कॉलेजों में MBBS और BDS कोर्स में एडमिशन लिया जाता है. नीट-यूजी किए बिना कोई भी छात्र एडमिशन नहीं ले सकता है.

Times of India की रिपोर्ट में कहा गया है कि एडिशनल सब्जेक्ट वाले स्टूडेंट्सको NMC विदेश में अंडर ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स करने के लिए भी एलिजबिलिटी सर्टिफिकेट जारी करेगा

इससे पहले यदि मैथ्स से कक्षा-12 पास करने वाला स्टूडेंट मेडिकल में एडमिशन लेना चाहता था तो उसे दोबारा किसी स्कूल में बायोलॉजी या बायोटेक्नोलॉजी स्ट्रीम में एडमिशन लेकर दो साल रेगुलर पढ़ाई करनी होती थी.

NMC ने कहा कि उन्होंने 14 जून को इस मुद्दे पर चर्चा की गई थी, जिसमें मानदंडों में ढील देने का निर्णय हुआ. इसके हानि-लाभ परखने के बाद अब मानदंडों मे ढील देने का निर्णय लिया गया है. 

नए नियमों का लाभ उन लाखों छात्रों को मिलेगा, जो किसी न किसी कारण से दूसरे सब्जेक्ट में एडमिशन ले लेते हैं, लेकिन बाद में डॉक्टर बनने की इच्छा नियमों के कारण पूरी नहीं कर पाते हैं.

अब एनएमसी के नए निर्णय से ऐसे लोगों के लिए मेडिकल डिग्री लेने की विंडो खुल हो गई है, भले ही उनके पास 11वीं-12वीं क्लास में मेन सब्जेक्ट के रूप में बायोलॉजी/ बायोटेक्नोलॉजी ना रही हो.