'भारत रत्न' देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है. यह सम्मान कला, साहित्य, राजनीति, विज्ञान और खेल के क्षेत्र में विशेष और बेहतरीन काम करने वाले को दिया जाता है.
साल 1954 2 जनवरी को देश में पहली बार भारत रत्न पुरस्कार देने का ऐलान किया गया था.
उस वक्त के तात्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने इस पुरुस्कार को दिया था.
आज हम आपको एक ऐसे एक्टर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनको भारत रत्न मिलने पर बवाल हुआ था.
हम बात कर रहे हैं, मारुदुर गोपालन रामचन्द्रन (एमजीआर) की, एमजीआर एक एक्टर होने के साथ-साथ एक राजनेता भी थे.
एमजीआर 1977 से 1987 में अपने निधन तक तमिलनाडु के सीएम के तौर पर काम करते रहे थे.
एमजीआर को उनकी सेवाओं के लिए 1988 में भारत रत्न दिया गया. उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न दिया गया.
यह माना जाता है कि केंद्र में कांग्रेस सरकार ने तमिलनाडु में जयललिता सरकार को प्रभाव में लाने के लिए एमजी रामचंद्रन को भारत रत्न गया.
इसके ठीक एक साल बाद तमिलनाडु में चुनाव होने थे. ऐसे में तत्कालीन केंद्र की राजीव गांधी सरकार पर आरोप लगा कि उसने राज्य के मतदाताओं को ख़ुश करने के लिए रामचंद्रन को भारत रत्न दिया.