Sep 15, 2023, 09:30 PM IST

दाल मखनी से लेकर बिरयानी तक होती बेस्वाद अगर मुगल नहीं करते मसालों का ऐसा इस्तेमाल

DNA WEB DESK

भारत को मसालों का भी देश कहा जाता है और भारतीय खाने मसाले की खुशबू और स्वाद के बिना अधूरे हैं. 

क्या आप जानते हैं कि मुगलों ने अपने खाने में मसालों के साथ काफी एक्सपेरिमेंट किए जिसकी वजह से हिंदुस्तानी खान-पान काफी बदला.

मुगल शासकों के दौर में हुमायूं से लेकर औरंगजेब तक ने खान-पान में कुछ नई चीजें जोड़ीं और भारतीय भोजन परंपरा को समृद्ध किया.

आज बहुत सी डिशेज को पकाने से पहले काफी देर तक मसालों में लपेटकर मैरिनेट किया जाता है. इसकी शुरुआत भारत में मुगलों ने की थी.

गर्म मसालों को खाने में डालने से पहले रोस्ट करने की शुरुआत भी भारत में मुगलों से ही आई थी. इससे खाने का स्वाद और बढ़ जाता है.

मुगल खाने से लेकर रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजों में खुशबू के शौकीन थे और इसलिए गुलाबजल जैसी खुशबू का इस्तेमाल मुगलों के दौर में ही आया था.

खाने में रंग का इस्तेमाल भी मुगल शासन से पहले भारत में नहीं होता था लेकिन जर्दा और पुलाव जैसी डिशेज में रंग अब पूरे भारत में प्रयोग होता है.

अकबर के दौर में राजमहल के शाही व्यंजनों में पंचमेल दाल शामिल हुई. राजस्थानी डिश में मुगलिया दौर में गरम मसालों का इस्तेमाल शुरू हुआ.

शाहजहां के दौर में काली मिर्च का इस्तेमाल बहुतायत में शुरू हुआ था और फिर यह सलाद और रायते जैसी चीजों में भी डाला जाने लगा.