मुगल इतिहास की जब भी चर्चा होती है, तो हरम का जिक्र जरूर होता है. मुगल शासकों के कई राज़ और इन हरम में ही होते थे.
मुगल शासकों के लिए हरम अय्याशी का अड्डा तो था ही, यहां इनके कई बड़े राज़ भी दफ्न रहते थे और इसलिए यहां रहने वाली औरतों को कड़ी निगरानी में रखा जाता था.
क्या आप जानते हैं कि सख्त पहरेदारी में रहने के बाद भी कुछ महिलाएं हरम से भागकर बाहर की दुनिया में जाने की कोशिश करती थीं.
इन हरम में रहने वाली बहुत सी महिलाओं के लिए बाहर की दुनिया सपने की तरह थी और कुछ की हसरत उसे जाकर देखने की होती थी.
ऐसी गुस्ताखी करने वाली महिलाओं को पकड़े जाने पर सख्त सजा दी जाती थी और उनके साथ बहुत बुरा सुलूक होता था.
इतालवी चिकित्सक मनूची ने अपनी किताब मुगल इंडिया में लिखा है कि हरम के नियम तोड़ने वालों के लिए जेल की अंधेरी कोठरी और मृत्युदंड जैसी सजा थी.
मनूची के चिकित्सक होने की वजह से मुगल हरम तक पहुंच थी और उसने अपनी किताब में लिखा है कि दासियों के लिए हरम का जीवन नर्क से कम नहीं था.
मनूची ने अपनी किताब में यह भी लिखा है कि हरम में रहने वाली औरतों के प्रेम संबंध बहुत आम थे और दरबारियों से लेकर सेनापति तक से उनके संबंध होते थे.
मुगल हरम में कुछ ऐसी औरतें भी होती थीं जो जन्म से लेकर मृत्यु तक हरम में ही रहती थीं और कभी महल की चारदीवारी के बाहर की दुनिया नहीं देख पाती थीं.