May 25, 2024, 07:58 PM IST

मुगल हरम में राजपूत रानियों के लिए थे सख्त नियम, करना पड़ता था ये काम

Smita Mugdha

मुगल बादशाह अकबर ने राजपूतों के साथ वैवाहिक संबंध बनाकर एक नई परंपरा शुरू की थी. 

मुगल हरम में राजपूत और हिंदू राजकुमारियों से बादशाहों को शादी के लिए अपना धर्म नहीं छोड़ना पड़ता था. 

बादशाह अकबर ने शांतिपूर्ण संबंधों के लिए हिंदू रानियों को अपने धर्म के पालन और रिवाज अपनाने की छूट दी थी.

इसके बावजूद भी हरम में कई सख्त नियम थे जो हिंदू रानियों को भी मानना होता था. 

रानियों को बादशाह के फैसले को चुनौती देने या काटने का अधिकार नहीं था. उन्हें राजकाज में सीधे तौर पर दखल देने की अनुमति नहीं होती थी. 

हरम में उनसे मिलने के लिए सिर्फ रिश्तेदार पुरुष ही आ सकते थे वह भी राजकीय अतिथियों के लिए बनाए हिस्से में ही आते थे. 

हरम से बाहर जाने या अपने मायके जाने से पहले राजपूत रानियों के लिए भी बादशाह और हरम की प्रमुख रानी से अनुमति लेनी जरूरी होती थी. 

राजपूत रानियों को भी मुगल शहजादियों और दूसरी रानियों की तरह वेतन और जागीरें दी जाती थीं. 

बादशाह अपनी मर्जी से किसी भी शहजादी या रानी को कोई ओहदा दे सकता था और बाकी रानियों को उसे स्वीकार करना पड़ता था.