Dec 3, 2023, 05:03 PM IST

राजस्थान में BJP पर ही भारी पड़ रहे उनके ये बागी

DNA WEB DESK

राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस का किला ध्वस्त कर लिया है. भगवा का जादू ऐसा चला है कि उसके नाम से पहचान बनाने वाले बागी उम्मीदवार भी जीत गए हैं.

कांग्रेस और भाजपा की तरफ से टिकट नहीं मिलने पर बागी होकर चुनाव मैदान में उतरने वाले उम्मीदवारों की इस बार भारी संख्या थी. ऐसे करीब 45 उम्मीदवार मैदान में उतरे हुए थे.

चुनाव परिणाम ने साबित कर दिया है कि बागियों के मैदान में उतरने से भाजपा और कांग्रेस दोनों को ही नुकसान हुआ है. दोनों ही पार्टियों के वोट बड़े पैमाने पर कटे हैं.

कांग्रेस के लिए फतेह खान, खिलाड़ी लाल बैरवा, जौहरीलाल मीणा, आलोक बेनीवाल, सुनील परिहार, रामलाल मेघवाल, कैलाश मीणा, ओम विश्नोई समेत कई बागी निर्दलीय उम्मीदवार बनकर उतरे थे.

भाजपा के लिए भी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल, रविंद्र भाटी, ऋतु बनावत, प्रियंका चौधरी, यूनुस खान, चंद्रभान सिंह आक्या, जीवाराम चौधरी समेत करीब दो दर्जन लोगों ने बागी के तौर पर अपना पर्चा भरा था.

दो बार के विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने चित्तौड़गढ़ सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह को 6823 वोट से हरा दिया है. भाजपा ने यहां विद्याधर नगर से हटाए गए नरपत सिंह राजवी उतारे थे, जो तीसरे नंबर पर रहे.

पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी ने बाड़मेर की शिव विधानसभा सीट से कांग्रेस के बागी फतेह खान पर 5986 वोट की बढ़त बना रखी है. कांग्रेस उम्मीदवार तीसरे और भाजपा उम्मीदवार चौथे नंबर पर चल रहे हैं. 

बयाना सीट पर भाजपा के जिलाध्यक्ष ऋषि बंसल की पत्नी डॉ. ऋतु बनावत बागी उम्मीदवार हैं, जिन्होंने कांग्रेस के अमर सिंह पर 39807 वोट की बढ़त से जीत तय कर ली है. 

दो बार राज्य में भाजपा सरकार में मंत्री रह चुके यूनुस खान को वसुंधरा राजे का करीबी होने के बावजूद टिकट नहीं मिला. डीडवाना सीट से उन्होंने कांग्रेस के चेतन चौधरी पर 2977 वोट की बढ़त बना रखी है.

बाड़मेर में भाजपा की बागी उम्मीदवार डॉ. प्रियंका चौधरी फिलहाल दूसरे नंबर पर हैं, लेकिन यहां उन्होंने भाजपा उम्मीदवार की वोट काटते हुए उसे तीसरे नंबर पर धकेल रखा है.

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल को वसुंधरा राजे टिकट नहीं दिला सकीं तो वे बागी हो गए, लेकिन उन्हें करारी मात मिल रही है. वे शाहपुरा (भीलवाड़ा) सीट पर करीब 60 हजार वोट से पिछड़े हुए हैं.

भाजपा के बागी जीवाराम चौधरी को कद्दावर नेता माना जाता है. सांचोर सीट से उन्होंने 1302 वोट की बढ़त बना रखी है. हालांकि उनकी जीत फिर भी तय मानी जा रही है.