इस समुदाय के लोगों 150 साल पहले ही पता थी राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख
Kavita Mishra
भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में प्रभु श्री राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होनी है.
क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा समुदाय है जो न मंदिर जाता है और न ही मूर्ति पूजा करता है फिर भी राम का सबसे बड़ा भक्त समुदाय है.
रामनामी समुदाय के लोग पिछले 150 साल से महानदी के किनारे 'बड़े भजन मेला' का आयोजन करते रहे हैं.
हर साल यह मेला शुक्ल पक्ष की एकादशी से त्रयोदशी के बीच आयोजित किया जाता है. इस बार 21 से 23 जनवरी के बीच आयोजित हो रहा है.
अयोध्या में भी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा शुक्ल पक्ष की उसी द्वादशी 22 जनवरी 2024 को हो रही है, जिस दिन रामनामी समुदाय दशकों से अपना उत्सव मनाता आ रहा है.
रामनामी समुदाय से जुड़े कुछ लोगों को कहना है कि उनको पूर्वजों ने 150 साल पहले ही बता दिया था कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा शुक्ल पक्ष की द्वादशी को ही होगी.
इस समुदाय के संस्थापक परशुराम को उस वक्त के पुजारियों ने राम मंदिर में प्रवेश से रोक दिया था, जिसके बाद उन्होंने अपने पूरे शरीर पर राम नाम गुदवा दिया.
यह समुदाय मध्य प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ में फैला हुआ है.
जिस व्यक्ति के शरीर पर भगवान श्रीराम का नाम लिखा होता है, वो कभी शराब का सेवन नहीं करता और हर रोज राम नाम का जप करता है.