Jun 24, 2024, 04:52 PM IST

इस हिंदू रानी ने मुगलों को दिया था मुंहतोड़ जवाब, फिर खुद ही ले ली थी अपनी जान

Rahish Khan

भारत में जब महिलाओं की बहादुरी की बात होती है तो महान वीरांगना रानी दुर्गावती की चर्चा जरूरी होती है.

रानी दुर्गावती, कालिंजर के राजा कीर्ति सिंह चंदेल की एकलौती पुत्री और राजा दलपत शाह की पत्नी थीं.

उन्होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे, लेकिन मुंगलों के सामने नहीं झुकी थीं.

रानी दुर्गावती ने आज ही के दिन यानी 24 जून 1565 को अपने सीने में खंजर उतारकर जान दे दी थी.

बात साल 1556 की है, जब गोंडवाना पर मालवा के सुल्तान बाज बहादुर ने हमला बोला दिया था.

लेकिन रानी दुर्गावती की बहादुरी और साहस की वजह से सुल्तान बाज बहादुर को मुहं की खानी पड़ी थी.

इसके बाद 1562 में मालवा को अकबर ने मुगल साम्राज्य में मिला लिया था. वहीं रीवा पर आसफ खान ने कब्जा कर लिया था.

रीवा और मालवा दोनों की सीमाएं गोंडवाना से लगती थी. अब एक तरफ आसफ खान दूसरी तरफ मुगल बादशाह अकबर की सेना थी.

अकबर चाहता था कि गोंडवाना उसके साम्राज्य में मिला लिया जाए.  साल 1564 आसिफ खान ने गोंडवाना पर हमला कर दिया.

इस युद्ध में रानी दुर्गावती काफी समय तक मुगलों का मुकाबला करती रहीं. लेकिन तीर लगने की वजह से वो बेहोश होकर हाथी से नीचे गिर गईं.

 जब तक उन्हें होश आया, मुगल युद्ध जीत चुके थे. रानी दुर्गावती को लगा कि वो जिंदा नहीं बचेंगी तो उन्होंने अपनी तलवार खुद के सीने में उतार ली.