Jan 7, 2024, 05:17 PM IST

कौन हैं 96 साल की शालिनी, जिन्हें राम मंदिर ट्रस्ट ने भेजा न्योता 

Kavita Mishra

यूपी के अयोध्या में प्रभु श्री राम का भव्य मंदिर राम मंदिर का निर्माण कार्य इस समय जोरों पर चल रहा है.राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर लोगों में भी बहुत उत्साह देखने को मिल रहा है. 

आज आपको राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी एक 96 साल की महिला कार सेवक के बारे में बताएंगे. जिन्हें अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का न्योता मिला है.

प्रभु श्री राम की जन्मस्थली के लिए अनगिनत लोगों ने संघर्ष किया. ऐसी ही 96 साल की कारसेवक हैं- शालिनी रामकृष्ण दबीर. 

साल 1990 में लाल कृष्ण अडवाणी की अगुवाई में गुजरात के सोमनाथ से रामरथ यात्रा हो शुरू हुई थी, जो महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश से होते हुए अयोध्या पहुंची थी.

इस दौरान कारसेवा का हिस्सा रहीं बुजुर्ग शालिनी ने बताया कि साल 1990 में जब मुंबई से बाबरी के लिए निकली थीं तो हर जगह लोगों ने उनके साथ बहुत अच्छा बर्ताव किया लेकिन सरकार और पुलिस ने उनको बहुत सताया.

शालिनी के मुताबिक उस समय वो 63 साल की थीं लेकिन राम लला से जो स्थान छीना गया था वो उन्हें बर्दाश्त नहीं था और इसीलिए वो भी अयोध्या के लिए निकल पड़ीं थीं. 

उन्होंने उस वक़्त को याद करते हुए कहा कि उनके पास से गोली छूकर निकली थी लेकिन हनुमान जी ने कार सेवकों को ताकत दी थी. 

शालिनी ने बताया कि बहुत कोशिशों के बाद वो एक दीवार नहीं गिर रही थी तब, एक बंदर उस दीवार पर बैठा और सब कुछ धूल-धूल हो गया क्योंकि उसने दीवार पर जोर लगाया था जिससे वो ढह गई थी.

शालिनी दबीर 30 अक्टूबर 1990 को अयोध्या पहुंची थीं और बाबरी ढांचे पर भगवा झंडा फहराने के पल की साक्षी बनीं थीं. उत्तर प्रदेश पुलिस ने दादर के महिला कारसेवकों के एक समूह को गिरफ्तार कर उन्हें स्कूल में बंदी बना लिया था.