May 26, 2024, 01:08 PM IST
ये मुस्लिम थे शिवाजी के किले के रक्षक
Aditya Prakash
छत्रपति शिवाजी की छवि एक बहादुर योद्धा की रही है, अपने समय में उन्होंने मुगलों और दूसरी अहंकारी ताकतों के छक्के छुड़ाए.
शिवाजी का लक्ष्य हिंदवी स्वराज को स्थापित करने का था. उसे हासिल करने के लिए वो अपनी मराठा फौज के साथ ताउम्र लगे रहे.
शिवाजी धार्मिक आधार पर कभी भी किसी के साथ भेद-भाव नहीं करते थे. उनकी फौज में कई सारे सेनापति और उनके किले के रक्षक मुस्लिम थे.
उनकी नौसेना की कमान सिद्दी संबल के हाथों में थी और सिद्दी मुसलमान उनके नौसेना में बड़ी संख्या में थे.
जब शिवाजी आगरा के किले में नजरबंद थे तब कैद से निकल भागने में जिन दो व्यक्तियों ने उनकी मदद की थी उनमें से एक मुसलमान थे, उनका नाम मदारी मेहतर था.
उनके गुप्तचर मामलों के सचिव मौलाना हैदर अली थे और उनके तोपखाने की कमान इब्राहिम ख़ान के हाथों में थी.
शिवाजी सभी धर्मों का सम्मान करते थे और उन्होंने 'हज़रत बाबा याकूत थोरवाले' को ताउम्र पेंशन देने का आदेश दिया था.
शिवाजी ने फादर एंब्रोज की भी उस समय सहायता की थी जब गुजरात में मौजूद उनके चर्च पर हमला हुआ था.
शिवाजी ने अपनी राजधानी रायगढ़ में एक मस्जिद का ठीक उसी तरह निर्माण करवाया था जिस तरह से उन्होंने जगदीश्वर मंदिर बनवाया था.
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