May 14, 2024, 07:11 PM IST
हाल ही में रिलीज हुई हीरामंडी वेब सीरीज लोगों द्वारा बहुत पसंद की जा रही है. ये सीरीज तवायफों की जिंदगी पर आधारित है.
मुगल काल से ही हीरामंडी तवायफों का सबसे बड़ा ठिकाना होता था.
हीरामंडी की सभी तवायफें पान चबाती थीं, लकिन आपने कभी सोचा कि आखिर तवायफें पान क्यों खाती थीं?
तवायफ बनने के लिए अंगिया, मिस्सी और नथ उतराई, तीन रस्में निभानी पड़ती थीं.
इन रस्मों से मिस्सी एक ऐसी रस्म थी जिसमें लड़की अपने होठ और दातों को रंगती थी.
उस दौरान होठों पर कत्थे की सुर्खी और काले दांत बेहतर माने जाते थे.
कोठे की सबसे बड़ी तवायफ इस रस्म को पूरी करवाती थी, जिसमें पान का इस्तेमाल करके तवायफ के दांत और मसूड़ों को काला किया जाता था.
मिस्सी रस्म के बाद तवायफों को पान खाने की ऐसी लत लग जाती थी, जिसके बाद तवायफ ताउम्र पलंगतोड़ पान खाती थीं.
माना जाता है कि उस समय नवाबों और रईसों को पान चबाने वाली तवायफें ही पसंद आती थीं.