Apr 29, 2024, 06:48 PM IST

भारत में कहां हुआ था पहला जौहर, एकसाथ 360 महिलाओं ने दी थी जान

Rahish Khan

राजस्थान अपनी संस्कृति और विरासत के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां का इतिहास जौहर Jauhar) से भी जुड़ा हुआ है.

देश का पहला जौहर यहीं हुआ था. 360 से ज्यादा रानियों और दासियों ने अपनी जान कुर्बान कर दी थी.

हम बात कर रहे हैं राजस्थान के बयाना (Bayana) की. यह शहर भरतपुर से 48 किलोमीटर दूर स्थित है.

राजा विजयपाल ने 1040 ईस्वी बयाना के किले का निर्माण कराया था. विजयपाल मथुरा के यादव वंशीय जादौन राजपूत थे.

उन्होंने मथुरा छोड़कर राजस्थान की पहाड़ी में दुर्ग इसलिए बनवाया, क्योंकि गजनी की ओर से लगातार हमले किए जा रहे थे.

इतिहासकारों के अनुसार, 1043 ईस्वी में बयाना किले को अबूबकर कंधारी ने घेर लिया था. इसके बाद घमासान युद्ध हुआ.

इस युद्ध में महाराज विजयपाल ने जीत हासिल की, लेकिन उनकी एक चूक की वजह से सैंकड़ों महिलाओं को जौहर करना पड़ा.

दरअसल, जीत की खुशी में यादव सेना ने दुश्मन के झंडे उठा लिए और किले की ओर दौड़ने लगे. किले के रक्षक गजपाल ने इसे दुश्मन का आक्रमण समझ लिया.

उन्होंने महल में संदेश भेजा कि राजा विजयपाल की सेना हार गई है और कंधारी सेना महल की ओर बढ़ रही है.

यह संदेश मिलने के बाद महल की 360 से ज्यादा रानियों और दासियों ने जौहर का रास्ता अपनाया. यह देश के इतिहास का पहला जौहर था.

बाद में महाराजा विजयपाल को इसकी भारी वेदना हुई. वह जीतकर भी सबकुछ खो बैठे. 1093 ईस्वी उनकी मृत्यु हो गई.